Ticker

6/recent/ticker-posts

बॉलीवुड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल: सिनेमा के रंग, संस्कृति की गूंज

Bollywood International Film Festival
बॉलीवुड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल: सिनेमा के रंग, संस्कृति की गूंज

बॉलीवुड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल: सिनेमा के रंग, संस्कृति की गूंज

ब्यूरो: सुनील त्रिपाठी

मुंबई सिटी:

मुंबई के प्रतिष्ठित वेदा कुनबा थिएटर में 8 मार्च से शुरू हुए दो दिवसीय बॉलीवुड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का भव्य आयोजन किया गया। 

यह फिल्म महोत्सव सिनेमा प्रेमियों, फिल्मकारों और कलाकारों के लिए एक अनोखा मंच साबित हुआ, जहां भारतीय और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा की विविधता को बड़े पर्दे पर प्रस्तुत किया गया।

उद्घाटन समारोह: सितारों की जगमगाहट और सांस्कृतिक समृद्धि

फेस्टिवल के पहले दिन का शुभारंभ गणेश वंदना और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर बॉलीवुड की कई नामचीन हस्तियां मौजूद रहीं, जिनमें पद्मिनी कोल्हापुरे, पूनम ढिल्लो, दीपक पराशर, मनोज जोशी, नंदिता पुरी, प्रवीण सिंगल, दीपक दुआ, पवन शर्मा, एना बोल्मार्क, प्रतिभा शर्मा, और यशपाल शर्मा जैसे दिग्गज कलाकार शामिल थे।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की शानदार स्क्रीनिंग

फेस्टिवल के पहले दिन सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई।

कुछ प्रमुख प्रस्तुतियां:

  • चल हल्ला बोल (मराठी) - महेश बनसोडे द्वारा निर्देशित यह फिल्म जोश और प्रेरणा से भरपूर रही।
  • पेंसिल (तुर्की, लघु फिल्म) - समाज के संवेदनशील विषयों को छूने वाली यह फिल्म दर्शकों को प्रभावित करने में सफल रही।
  • धड़ाम (हरियाणवी फीचर फिल्म) - सामाजिक मुद्दों को उजागर करती इस फिल्म को खूब सराहा गया।
  • मुटियार पंजाबन (पंजाबी म्यूजिक वीडियो) - पंजाबी संस्कृति की झलक दिखाने वाले इस वीडियो को दर्शकों ने खूब पसंद किया।
  • लीर - मोबाइल फोन से जुड़े खतरों को दर्शाती इस फिल्म ने डिजिटल युग की चुनौतियों पर रोशनी डाली।
  • चौधरी साहब (हरियाणवी) - पशु यौन शोषण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर आधारित इस फिल्म ने दर्शकों को झकझोर दिया।
  • आई एम सॉरी मम्मा - पारिवारिक मूल्यों और माता-पिता के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती यह फिल्म भावुक कर देने वाली थी।
  • संघर आमच्या अस्तित्वच्या - आदिवासी जीवन और उनके संघर्षों को चित्रित करने वाली यह फिल्म सामाजिक जागरूकता को बढ़ाने वाली रही।
  • ब्लूम (हंगरी, लघु फिल्म) - दिन का समापन इस फिल्म के साथ हुआ, जिसने मानवीय भावनाओं को खूबसूरती से प्रस्तुत किया।

लेट्स टॉक सत्र: सिनेमा की गहराइयों पर चर्चा

फिल्म समीक्षक धर्मेंद्रनाथ ओझा और सुप्रसिद्ध कैमरामैन असीम बजाज के साथ आयोजित ‘लेट्स टॉक’ सत्र में फिल्म निर्माण, सिनेमेटोग्राफी और सिनेमा की बदलती तकनीकों पर गहन चर्चा हुई। यह सत्र उभरते फिल्मकारों के लिए बेहद ज्ञानवर्धक रहा।

फेस्टिवल की सफलता और भविष्य की उम्मीदें

गौरतलब है कि बॉलीवुड एक्टर यशपाल शर्मा और फिल्ममेकर प्रतिभा शर्मा ने इस फिल्म फेस्टिवल की स्थापना लॉकडाउन के दौरान की थी। तब से अब तक इसने चार सफल संस्करण पूरे कर लिए हैं। 

इस बार ओमपुरी फाउंडेशन, हरियाणा स्टेज ऐप और पहल फाउंडेशन के सहयोग से इस महोत्सव को भव्य रूप दिया गया।

दूसरा दिन: रोमांच और पुरस्कार वितरण की तैयारी

फेस्टिवल के दूसरे दिन भी कई उत्कृष्ट फिल्मों की स्क्रीनिंग के साथ-साथ पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जाएगा, जहां सर्वश्रेष्ठ फिल्मों और कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा।

सिनेमा प्रेमियों के लिए शानदार मंच

यह फेस्टिवल सिर्फ फिल्मों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि भारतीय और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा को जोड़ने का एक सेतु भी साबित हुआ। 

इस आयोजन ने सिनेमा प्रेमियों के बीच नई ऊर्जा का संचार किया और कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर प्रदान किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ