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रोडवेज के अनदेखे हीरो... (The unseen hero of roadways)...

The unseen heros of roadways
The unseen heros of roadways

रोडवेज के अनदेखे हीरो (The unseen hero of roadways)

(ब्यूरो चीफ अभय कुमार सिंह)

हर दिन सुबह की पहली किरण के साथ जब अधिकांश लोग अपने घरों में गर्म चाय की चुस्की ले रहे होते हैं, तब रोडवेज के ड्राइवर और कंडक्टर सड़कों पर उतर चुके होते हैं देश और प्रदेश को जोड़ने के लिए। ये वे सच्चे हीरो हैं जो न भीषण गर्मी से घबराते हैं, न कड़कड़ाती सर्दी से, न ही बारिश के कहर से।

हर दिन लाखों यात्रियों को एक शहर से दूसरे शहर तक सुरक्षित पहुंचाने वाले यही लोग हैं जो पूरी रोडवेज व्यवस्था की रीढ़ हैं। फिर भी दुर्भाग्यवश, यही कर्मयोगी समाज की नजरों में अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं।

रोडवेज ड्राइवर-कंडक्टर को प्रति किलोमीटर मात्र 2.06 / कंडक्टर 2.02 रुपये की दर से भुगतान किया जाता है। यह राशि न केवल कम है, बल्कि उनके समर्पण, मेहनत और जोखिम को भी नहीं दर्शाती। 

इसके बावजूद, वे न केवल बस को समय पर और सुरक्षित चलाते हैं, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर लोड फैक्टर और अन्य रिकवरी भी की जाती है 

ड्राइवर और कंडक्टर, जो दिन-रात यात्री सेवा में लगे रहते हैं, उन्हें न तो कभी मंच मिलता है, न माइक, और न ही तालियों की गूंज। लेकिन आज आवश्यकता है कि हम इस मौन समर्पण को पहचानें। इनकी मेहनत और ईमानदारी को सम्मान मिले, इनके हितों की रक्षा हो और उचित वेतन एवं सुविधाएं प्रदान की जाएं।

रोडवेज चलाने वाले सिर्फ इंजन या बस नहीं चला रहे, वे चलाते हैं एक व्यवस्था, एक भरोसा और लाखों यात्रियों की उम्मीदें। अब वक्त है कि इन असली हीरो को वो इज़्ज़त दी जाए जिसके वे हकदार हैं।


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