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जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समीक्षा समिति की बैठक सम्पन्न, चारागाह की भूमि पर हरे चारे की बुवाई के निर्देश

The meeting of the District Monitoring and Evaluation Review Committee was successfully conducted

जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समीक्षा समिति की बैठक सम्पन्न, चारागाह की भूमि पर हरे चारे की बुवाई के निर्देश

(रिपोर्टर: सुनील त्रिपाठी )

प्रतापगढ़: जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन समीक्षा समिति की महत्वपूर्ण बैठक विकास भवन सभागार में परियोजना निदेशक दयाराम यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। 

बैठक में जिले के समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि चारागाह की जमीनों पर हरे चारे की बुवाई सुनिश्चित कराई जाए, जहां पहले से मृदा परीक्षण किया जा चुका है।

गौशालाओं के निरीक्षण को लेकर सख्ती

खण्ड विकास अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र की गौशालाओं का नियमित निरीक्षण करें और उसकी रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करें। 

इसके अलावा, कैटल-कैचर के त्वरित क्रय की व्यवस्था करने को कहा गया ताकि बेसहारा पशुओं को आश्रय स्थलों तक पहुंचाया जा सके।

चारागाह भूमि का सदुपयोग करने के निर्देश

बैठक में यह जानकारी दी गई कि जनपद में कुल 144.242 हेक्टेयर चारागाह भूमि उपलब्ध है, जिसमें से 57.796 हेक्टेयर भूमि पर हरे चारे की बुवाई की जा चुकी है। बाकी बचे चारागाह की भूमि पर भी जल्द से जल्द नैपियर ग्रास जैसी घासों की बुवाई कराई जाएगी, जिससे गौशालाओं को चारे की समस्या न हो।

गोवंश आश्रय स्थलों की स्थिति

जनपद में कुल 78 गोवंश आश्रय स्थल संचालित हो रहे हैं, जिनमें –

  • 59 अस्थायी
  • 6 स्थायी
  • 8 कांजी हाउस
  • 5 कान्हा गौशाला शामिल हैं।

इनमें कुल 15,604 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक विकास खण्ड के गो-आश्रय स्थलों में नर गोवंशों के लिए अलग से "नंदी शेड" का निर्माण किया जाएगा ताकि उनकी उचित देखभाल हो सके।

नोडल अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी

बैठक में जनपद स्तरीय नामित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे हर महीने अपने-अपने गो-आश्रय स्थलों का निरीक्षण करें और फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।

इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, सभी उप जिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी और नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में लिए गए इन फैसलों से जिले में गोवंश संरक्षण को मजबूती मिलेगी और चारागाह की भूमि का सही उपयोग हो सकेगा, जिससे बेसहारा पशुओं को पर्याप्त भोजन और आश्रय मिल सकेगा।

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