मोक्षदा जल धारा संरक्षण और पर्यटन विकास की दिशा में औरंगाबाद ग्राम की सराहनीय पहल
(ब्यूरो सुनील त्रिपाठी प्रतापगढ़)
प्रतापगढ़। मंगरौरा ब्लॉक के औरंगाबाद ग्राम में स्थित ऐतिहासिक व पवित्र मोक्षदा जल धारा के संरक्षण और क्षेत्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में इसके विकास को लेकर एक महत्वपूर्ण ग्राम सभा आयोजित की गई। इस बैठक में स्थानीय ग्रामीणों के साथ लोकपाल मनरेगा समाज शेखर की विशेष उपस्थिति रही।
बैठक की अध्यक्षता ग्राम पंचायत औरंगाबाद के प्रधान श्री संजय यादव ने की तथा संचालन ग्राम पंचायत अधिकारी श्री विवेक कुमार तिवारी द्वारा किया गया। बैठक में तकनीकी सहायक राज कुमार मिश्र और रोजगार सेवक रवींद्र प्रताप सिंह ने भी सहयोग प्रदान किया।
बैठक की शुरुआत ग्राम के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा मोक्षदा जल धारा की ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए की गई। तत्पश्चात सर्वसम्मति से जलधारा के संरक्षण, प्रबंधन और क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया गया।
भूटेश्वर महादेव धाम के विकास की उठी मांग
हरियाली और सौंदर्यीकरण का संकल्प
प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस क्षेत्र को और अधिक हरा-भरा बनाने के लिए हरिशंकरी पौधों का रोपण किया गया। लोक भारती के जिला संयोजक दिनेश शर्मा के संयोजन में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें ग्रामवासियों ने हरियाली फैलाने का संकल्प लिया।
सराहना और संदेश
लोकपाल समाज शेखर ने चमरौरा नदी की प्राकृतिक स्वच्छता की सराहना करते हुए जल का आचमन कर जलधारा की पवित्रता और स्वच्छता को बनाए रखने का संदेश दिया। उन्होंने ग्राम पंचायत को स्थानीय कार्यों के क्रियान्वयन तथा अन्य विभागों व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए प्रेरित किया।
महत्वपूर्ण निर्णय एवं प्रस्ताव
- धारा के किनारे तक आवागमन हेतु मार्ग का निर्माण
- निमहा गाँव से संपर्क हेतु रपटा पुलिया का निर्माण
- बंजर भूमि पर मनरेगा पार्क की स्थापना का प्रस्ताव
- पर्यटन विभाग से संपर्क कर क्षेत्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में क्षेत्र का विकास
- उपस्थित गणमान्य नागरिक
इस मौके पर प्रमुख रूप से कृष्ण प्रसाद मिश्र, रवि सिंह, राम दुलार, दिनेश यादव, हरिकेश यादव, महेश यादव, राम विशाल, सियाराम, राधेश्याम, प्रवीण सिंह, गोकुल प्रसाद, श्रवण कुमार, हरि राम, संतोष कुमार और दूधनाथ मौर्य सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे।
यह पहल ग्रामीणों के जागरूक और जिम्मेदार नागरिक होने का प्रमाण है, जो न केवल अपने सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, सुंदर और समृद्ध पर्यावरण की नींव भी रख रहे हैं।
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