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Shrimad Bhagwat Katha श्रवण से ही संभव है मानव जीवन का कल्याण

Shrimad Bhagwat Katha Human Life Upliftment
Shrimad Bhagwat Katha Human Life Upliftment

Shrimad Bhagwat Katha श्रवण से ही संभव है मानव जीवन का कल्याण: अर्पितानंद जी महाराज  

(ब्यूरो रिपोर्ट- सुनील त्रिपाठी - बाबागंज ) 

बाबागंज विकासखंड के अंतर्गत बूढ़े बाबा मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिवस पर वृंदावन धाम से पधारे बाल सुख आचार्य अर्पितानंद जी महाराज ने भक्तों को आध्यात्मिक संदेशों से आलोकित किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत का श्रवण मात्र से ही मनुष्य के जीवन का उद्धार संभव है। इस महान ग्रंथ के माध्यम से मनुष्य परमात्मा की ओर अग्रसर होता है।  

कथा प्रवचन के दौरान अर्पितानंद जी ने समाज में व्याप्त कटुता, अन्याय और असमानता को समाप्त कर प्रेम, सद्भाव और समानता की भावना को अपनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने राजा परीक्षित की मोक्षगाथा का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन का अंतिम उद्देश्य आत्मा में स्थित परमात्मा की प्राप्ति होनी चाहिए, न कि संसारिक भोग-विलास की प्राप्ति।  

उन्होंने भक्तों को संदेश दिया कि हमें अपने अमूल्य समय और सामर्थ्य को नश्वर वस्तुओं में व्यर्थ न कर, आत्मिक उन्नति के मार्ग पर चलना चाहिए। यही मार्ग सच्चे मंगल और कल्याण का द्वार खोलता है।  

कार्यक्रम के यजमान उर्मिला गिरि एवं उमाकांत गिरी ने समस्त आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान मोहम्मदपुर सोहाग अक्षय द्विवेदी, पंडित अमित मिश्रा, आज़ाद, अतुल गिरी, राम कैलाश पटेल, विपिन पटेल, अश्विनी गिरी, अंजलि, अमृता, आकांक्षा, आकृति, रमभर पटेल, पवन वैश्य सहित अनेक श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का श्रवण कर पुण्य अर्जित किया।

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