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अस्थायी गौशालाओं का BDO ने किया निरीक्षण

BDO Inspects Temporary Cow Shelters
अस्थायी गौशालाओं का BDO ने किया निरीक्षण

अस्थायी गौशालाओं का बीडीओ ने किया निरीक्षण, झोकवारा संतोषजनक, अंधरीपुर को मिली हिदायत

ब्यूरो: सुनील कुमार त्रिपाठी- प्रतापगढ़

प्रतापगढ़ जनपद के कालाकांकर विकासखंड अंतर्गत अस्थायी गौशालाओं की व्यवस्थाओं को लेकर मंगलवार को बीडीओ सत्यदेव यादव ने निरीक्षण किया। उनके साथ जिला नोडल अधिकारी एवं जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी अशिष द्विवेदी मौजूद रहे। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य गौवंशों के लिए की जा रही व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत को परखना था।

झोकवारा गौशाला में व्यवस्थाएं बेहतर

सबसे पहले अधिकारी दल ने ग्राम पंचायत झोकवारा की अस्थायी गौशाला का निरीक्षण किया। यहां की व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं। गौशाला की बाउंड्रीवाल व सिक्योरिटी गेट का निर्माण पूर्ण हो चुका है। पशुओं के चारे की पर्याप्त व्यवस्था मिली जिसमें 600 क्विंटल भूसा, 2 क्विंटल चूनी-चोकर एवं 25 किलो साइलेज स्टॉक में मौजूद पाया गया। 

पशुओं के लिए गर्मी से राहत हेतु 20 पंखे लगाए गए हैं। साफ-सफाई की स्थिति भी बेहतर रही। साथ ही लगभग दो बीघा क्षेत्रफल में हरा चारा बोया गया है, जो एक सप्ताह में काटने योग्य होगा।

अंधरीपुर गौशाला में मिली खामियां, दी गई चेतावनी

इसके बाद टीम ने ग्राम अंधरीपुर की अस्थायी गौशाला का निरीक्षण किया। यहां व्यवस्थाएं उम्मीद के अनुरूप नहीं थीं। साफ-सफाई की स्थिति खराब पाई गई, जिस पर बीडीओ ने मौजूद केयरटेकर सोनू को फटकार लगाते हुए नियमित सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। 

खुले में पड़े भूसे को भी गोदाम में रखने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान दो पशु बीमार मिले, जिनके इलाज की पुष्टि केयरटेकर ने की। अंधरीपुर गौशाला में 500 क्विंटल भूसा, 5 बोरी चूनी-चोकर और 50 किलो साइलेज मौजूद था।

मनरेगा कार्य का भी किया निरीक्षण

इसके अतिरिक्त बीडीओ सत्यदेव यादव ने ग्राम पंचायत ऐठू में मनरेगा योजना के तहत चल रहे नाले की खुदाई कार्य का भी स्थलीय निरीक्षण किया। यह कार्य रामकिशोर के खेत से रायपुर पुल तक किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान कार्य की गुणवत्ता संतोषजनक पाई गई।

इस निरीक्षण के माध्यम से एक ओर जहां झोकवारा गौशाला की व्यवस्थाएं प्रशासन की मंशा के अनुरूप सामने आईं, वहीं अंधरीपुर में पाई गई खामियों को सुधारने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं। प्रशासन का यह कदम गौवंश संरक्षण व मनरेगा कार्यों की पारदर्शिता के लिहाज से सराहनीय कहा जा सकता है।

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