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Yogacharya Guru Gorakhnath के नाम पर "योग सेतु" की मांग तेज़: अखिल भारतवर्षीय नाथ समाज ने Up के Chief minister Yogi Adityanath को भेजा मेल

Yog Setu Flyover Demand Guru Gorakhnath Nath Samaj

Yogacharya Guru Gorakhnath के नाम पर "योग सेतु" की मांग तेज़: अखिल भारतवर्षीय नाथ समाज ने Up के Chief minister Yogi Adityanath को भेजा मेल

इंदौर/लखनऊ

(राo मुख्य ब्यूरो चीफ अभय कुo सिंह)

अखिल भारतवर्षीय नाथ समाज के प्रदेश महासचिव लेखराज जोगी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ जी को एक औपचारिक ईमेल भेजकर नाथ समाज की एक महत्वपूर्ण मांग को प्रस्तुत किया है। इस मेल के माध्यम से उन्होंने इंदौर शहर में “योग सेतु” नामक एक फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण की मांग की है, जिसे योगाचार्य गुरु गोरखनाथ जी के नाम पर समर्पित किया जाए।

यह केवल नामकरण की मांग नहीं, बल्कि नाथ संप्रदाय की सांस्कृतिक पहचान और योगदान को सम्मान देने का एक सार्थक प्रयास है।

गुरु गोरखनाथ: योग के वास्तविक जनक

गुरु गोरखनाथ जी को भारतीय योग परंपरा का आधार स्तंभ माना जाता है। वे शिव अवतारी संत थे, जिन्होंने योग को केवल साधना नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति के रूप में स्थापित किया। उन्होंने जात-पात, छुआछूत और सामाजिक भेदभाव को मिटाने के लिए योग के माध्यम से जन-जागरण का कार्य किया।

नाथ संप्रदाय की मान्यता के अनुसार, गुरु गोरखनाथ जी ने भारतवर्ष के विभिन्न हिस्सों में व्यापक रूप से भ्रमण कर योग और साधना का संदेश फैलाया। उनका प्रभाव नेपाल से लेकर असम, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश तक स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जहां आज भी उनके अनुयायी बड़ी श्रद्धा से उनकी परंपरा का पालन करते हैं।

इंदौर में "योग सेतु" की आवश्यकता क्यों

इंदौर, मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी होने के साथ-साथ स्वच्छता के मामले में भी देश का अग्रणी शहर है। यह गौरव की बात है कि इंदौर को लगातार आठवीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। 

इस विकसित और जागरूक नगरी में नाथ समाज की एक सशक्त और प्रभावशाली आबादी भी निवास करती है, जो शहर के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्वरूप में महत्वपूर्ण योगदान देती है वर्षों से नाथ समाज यह मांग कर रहा है कि योग के प्रवर्तक और महान योगी गुरु गोरखनाथ जी के नाम पर एक फ्लाईओवर का निर्माण केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि उनकी समृद्ध विरासत को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने का एक प्रेरणादायक प्रयास होगा।

लेखराज जोगी के अनुसार,

यदि हम योग दिवस पर करोड़ों खर्च कर सकते हैं, तो क्या योग को जीवन में उतारने वाले और पूरे देश में प्रचारित करने वाले गुरु गोरखनाथ जी के नाम पर एक फ्लाईओवर नहीं बना सकते?

नाथ समाज की प्रमुख मांगें

1. योग सेतु फ्लाईओवर का निर्माण

नाथ समाज चाहता है कि इंदौर में एक फ्लाईओवर का नाम योगाचार्य गुरु गोरखनाथ योग मार्ग सेतु रखा जाए। इससे योग की वास्तविक जड़ों और भारत की अध्यात्मिक विरासत को मान्यता मिलेगी।

2. सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान

नाथ समाज का कहना है कि सरकारों द्वारा योग को बढ़ावा देना तो सराहनीय है, लेकिन उसका वास्तविक इतिहास और जनक कहीं न कहीं नजरअंदाज किए जा रहे हैं।

3. गौरवशाली परंपरा को पहचान

नाथ संप्रदाय भारत की उन गिनी-चुनी परंपराओं में है जिसने आदिकाल से समाज के वंचित वर्गों को भी आध्यात्मिक शक्ति और आत्मबल से जोड़ा।

Cm योगी आदित्यनाथ से आशा

नाथ समाज के अनुसार, योगी आदित्यनाथ जी स्वयं नाथ परंपरा के मठाधीश और गुरु गोरखनाथ जी के विचारों को जीवन में उतारने वाले नेता हैं। समाज को आशा है  

योगी जी ने अपने कार्यकाल में अनेक जन-कल्याणकारी योजनाओं को मूर्त रूप दिया है, और नाथ समाज को विश्वास है कि इंदौर में "योग सेतु" की मांग को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

राजनीतिक और सामाजिक पहलू

नाथ समाज का यह भी कहना है कि जब केंद्र और राज्य सरकारें हर वर्ष योग दिवस पर करोड़ों रुपये खर्च करती हैं, जब योग को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की संस्कृति के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, तब भारत में योग को स्थापित करने वाले संत गुरु गोरखनाथ जी की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।

नाथ समाज का यह भी मानना है कि भगवा, जिसे भाजपा अपनी विचारधारा से जोड़ती है, वह मूलतः नाथ संप्रदाय की ही देन है। ऐसे में नाथ समाज और उसके संतों का सम्मान भाजपा की वैचारिक प्रतिबद्धता से भी जुड़ा हुआ है।

आगे की रणनीति

अगर आने वाले समय में इस मांग पर सरकार द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो अखिल भारतवर्षीय नाथ समाज देशव्यापी अभियान की तैयारी कर सकता है। इसमें जन-जागरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, ज्ञापन सौंपना और डिजिटल अभियान शामिल होंगे।

नाथ समाज: एकता और सेवा का प्रतीक

नाथ संप्रदाय न केवल योग और तपस्या का प्रतीक है, बल्कि यह समाज सेवा, शोषण के विरुद्ध संघर्ष और आध्यात्मिक जागरण की भी प्रेरणा है। गुरु मत्स्येंद्रनाथ, गुरु गोरखनाथ से लेकर वर्तमान के महंत योगी आदित्यनाथ तक इस परंपरा ने समय-समय पर समाज को दिशा दी है।

निष्कर्ष

नाथ समाज की यह मांग सिर्फ एक फ्लाईओवर के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की प्राचीन योग परंपरा और आध्यात्मिक विरासत को उचित सम्मान देने की एक सशक्त पहल है। गुरु गोरखनाथ जी, जिन्होंने योग और तप की परंपरा को जन-जन तक पहुंचाया, उनके नाम पर यदि इंदौर जैसे स्मार्ट शहर में “योग सेतु” का निर्माण होता है, तो यह केवल एक भौतिक संरचना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक बन जाएगा।

यह कदम दर्शाएगा कि भारत आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए भी अपनी परंपराओं और मूल्यों को भूला नहीं है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण मांग को किस दृष्टिकोण से लेती है और क्या वास्तव में यह प्रेरक संदेश धरातल पर उतरता है।

डिस्क्लेमर (Disclaimer)

यह लेख पूरी तरह सामाजिक, सांस्कृतिक और समाचार संबंधी जानकारी पर आधारित है। इसमें प्रस्तुत तथ्यों का आधार विभिन्न स्रोतों, संगठन प्रतिनिधियों और प्रेस विज्ञप्तियों से प्राप्त सूचनाएं हैं। इसका उद्देश्य किसी राजनीतिक दल, व्यक्ति, संस्था या विचारधारा का समर्थन या विरोध करना नहीं है। "वक्त का मुद्दा न्यूज़" निष्पक्ष, तथ्यपरक और जनहित में आधारित पत्रकारिता के लिए प्रतिबद्ध है।

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1 टिप्पणियाँ

  1. भगवान गुरु गोरखनाथ जी के नाम परइंदौर शहर मेंयोगाचार्य गुरु गोरखनाथ योग सेतु का निर्माण होना चाहिएअखिल भारत वर्षीय नाथ समाजसन 1973एस 8893 रजिस्ट्रेशननई दिल्लीसंस्थापक वीडी गिरी साहबपूर्व राष्ट्रपति भारत सरकार

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