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युगानुकूल Education को बताया गया राजर्षि टंडन के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि

Education Tribute to Rajarshi Tandon

युगानुकूल Education को बताया गया राजर्षि टंडन के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि

(ब्यूरो चीफ सुनील कुमार त्रिपाठी)

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में मंगलवार को भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन जी की पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम के नेतृत्व में गंगा एवं सरस्वती परिसर में स्थापित टंडन जी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया गया।

सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में समाज विज्ञान विद्या शाखा के तत्वावधान में आयोजित राजर्षि टंडन स्मृति सभा में कुलपति प्रो. सत्यकाम ने कहा कि राजर्षि टंडन सादगी, संयम और सेवा के प्रतीक थे। वे न केवल भारत माता के सच्चे उपासक थे, बल्कि भारतीय संस्कृति और शिक्षा के प्रबल संरक्षक भी थे।

प्रो. सत्यकाम ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के समय में शिक्षा को युगानुकूल बनाना ही राजर्षि टंडन को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे डिजिटल युग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रॉनिक मोड में पाठ्य सामग्री तैयार करें ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँच सके। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति के इस दौर में वीडियो लेक्चर और ई-लर्निंग के माध्यम से हम शिक्षा को सुलभ और प्रभावी बना सकते हैं।

कार्यक्रम के प्रारंभ में विषयवस्तु संयोजक एवं समाज विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर एस. कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए राजर्षि टंडन के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। संचालन डॉ. सोहनी देवी ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अनेक वरिष्ठ शिक्षाविद, अधिकारीगण एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से वित्त अधिकारी श्रीमती पूनम मिश्रा, प्रो. सत्यपाल तिवारी, प्रो. पी.के. स्टालिन, प्रो. रुचि बाजपेयी, प्रो. विनोद कुमार गुप्ता, प्रो. छत्रसाल सिंह, प्रो. श्रुति, प्रो. जे.पी. यादव, प्रो. मीरा पाल, प्रो. संजय सिंह, डॉ. योगेश कुमार यादव एवं डॉ. मनोज कुमार आदि गणमान्यजन शामिल रहे।

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