Unnao में छात्रा की हिम्मत: छेड़छाड़ करने वाले को सिखाया सबक
(उन्नाव ब्यूरो चीफ नरेंद्र कुo)
उन्नाव, उत्तर प्रदेश: महिलाओं के खिलाफ छेड़छाड़ और अश्लील व्यवहार की घटनाएं समाज में एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। लेकिन उन्नाव के गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसमें एक नन्हीं छात्रा ने अपनी हिम्मत और साहस से न सिर्फ छेड़छाड़ करने वाले युवक को सबक सिखाया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि अन्याय के खिलाफ चुप रहना कोई विकल्प नहीं है। यह घटना शनिवार, 19 जुलाई 2025 को दोपहर के समय शुक्लागंज बाजार के पोनी रोड स्थित नीलम स्वीट हाउस के पास घटी
घटना का विवरण
जानकारी के अनुसार, पीड़ित छात्रा कानपुर के जुहारी देवी कॉलेज में पढ़ाई करती है और रोजाना की तरह शनिवार को भी वह स्कूल से घर लौट रही थी। पोनी रोड पर नीलम स्वीट हाउस के पास एक युवक, जिसकी पहचान आकाश के रूप में हुई है, ने छात्रा को रोकने की कोशिश की। उसने न केवल छात्रा को परेशान किया, बल्कि अश्लील टिप्पणियां और हरकतें भी कीं।
यह युवक पहले भी कई बार छात्रा को तंग कर चुका था, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थी। लेकिन इस बार छात्रा ने चुप रहने के बजाय साहस का परिचय दिया। उसने सड़क किनारे पड़ी एक ईंट उठाई और युवक पर हमला कर दिया। इसके बाद उसने युवक को थप्पड़ों और चप्पलों से पीटना शुरू कर दिया।
जिसमें छात्रा ने युवक को लगातार थप्पड़ मारे उसकी पिटाई की। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि छात्रा के चेहरे पर गुस्सा और दृढ़ निश्चय था। उसने युवक को मां-बहन की गालियां भी दीं और उसे सबक सिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। इस दौरान राहगीरों की भीड़ इकट्ठा हो गई, लेकिन अधिकांश लोग तमाशबीन बने रहे। किसी ने इस घटना का वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में छात्रा की बहादुरी और साहस को देखकर लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलने के बाद गंगाघाट कोतवाली पुलिस हरकत में आई। थाना प्रभारी प्रमोद मिश्रा ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर युवक को हिरासत में ले लिया गया है। युवक की पहचान आकाश के रूप में हुई है, जो एक ई-रिक्शा चालक है और बैटरी के पानी की सप्लाई का काम भी करता है। पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है दोषी के ऊपर आवश्यक कानूनी कानूनी प्रक्रिया के तहत दोषी को सजा मिलेगी
समाज में संदेश
इस घटना ने न केवल उन्नाव, बल्कि पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश दिया है। अक्सर छेड़छाड़ की घटनाओं में पीड़ित डर और शर्मिंदगी के कारण चुप रह जाते हैं, लेकिन इस छात्रा ने साहस का परिचय देकर यह साबित किया कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लाखों बार देखा जा चुका है, और लोग इस छात्रा की हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि ऐसे लोगों को यही सबक मिलना चाहिए, जो महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हैं।
एक्स पर एक यूजर ने लिखा, "उन्नाव की वीरांगना ने शोहदे को सिखाया सबक! इस बेटी को इसकी बहादुरी के लिए इनाम और सम्मान दोनों मिलना चाहिए।" एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "छात्रा की हिम्मत को सलाम। ऐसे लोगों का यही इलाज है।" यह प्रतिक्रियाएं दर्शाती हैं कि समाज में इस तरह की घटनाओं के खिलाफ जागरूकता बढ़ रही है और लोग ऐसी बहादुरी को सराह रहे हैं।
महिलाओं की सुरक्षा और जागरूकता
यह घटना एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को सामने लाती है। लेकिन इस तरह की घटनाओं में पीड़ितों का साहस और समाज का समर्थन ही बदलाव की दिशा में पहला कदम हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करना और समाज में जागरूकता फैलाना जरूरी है। साथ ही, पुलिस और प्रशासन को ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि अपराधियों में कानून का डर बना रहे।
कानूनी दृष्टिकोण
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 के तहत छेड़छाड़ को गंभीर अपराध माना जाता है, जिसमें दोषी को सात साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, यौन उत्पीड़न के मामलों में पॉक्सो एक्ट और अन्य संबंधित कानूनों के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में लिया है, जो एक सकारात्मक कदम है। लेकिन यह भी जरूरी है कि ऐसे मामलों में दोषियों को कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं कम हों।
समाज के लिए प्रेरणा
इस छात्रा की हिम्मत न केवल अन्य लड़कियों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा है। यह घटना हमें सिखाती है घटना प्रशासन और पुलिस के लिए भी एक संदेश है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
डिस्क्लेमर
यह लेख विभिन्न समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में दी गई जानकारी की सत्यता और पूर्णता की पुष्टि लेखक या प्रकाशक द्वारा नहीं की गई है। यह लेख केवल सूचना और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इस जानकारी को सत्यापित करने के लिए आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें। किसी भी कानूनी या व्यक्तिगत कार्रवाई से पहले संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।
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