![]() |
सैफई में अखिलेश यादव ने पुष्पों से खेली होली, जनता संग मनाया रंगों का महापर्व |
सैफई में अखिलेश यादव ने पुष्पों से खेली Holi, जनता संग मनाया रंगों का महापर्व
सैफई, इटावा: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने होली के शुभ अवसर पर सैफई में जनता के बीच पहुंचकर पर्व की शुभकामनाएं दीं और अनूठे अंदाज में पुष्पों की होली खेली। पूरे क्षेत्र में हर्ष और उल्लास का माहौल देखने को मिला, जहां हजारों की संख्या में समर्थक और स्थानीय लोग एकत्र हुए।
सैफई में होली की धूम, पुष्पवर्षा से सजी रंगों की महफिल
सैफई का होली समारोह हर साल खास रहता है, लेकिन इस बार उत्साह और बढ़ गया जब अखिलेश यादव ने पारंपरिक रंगों के बजाय फूलों की वर्षा कर होली खेली। गुलाब, गेंदा, और अन्य सुगंधित फूलों की रंगीन वर्षा से पूरा आयोजन स्थल खुशबू और उल्लास से भर गया। होली की इस अनोखी परंपरा ने लोगों का मन मोह लिया और पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
ढोल-नगाड़ों के साथ उमड़ा जनसैलाब
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता, स्थानीय नागरिक, एवं प्रमुख नेता मौजूद रहे। पारंपरिक ढोल-नगाड़ों की गूंज, फूलों की बरसात और लोकगीतों की धुन पर अखिलेश यादव ने जनता के साथ होली खेली और सभी को इस पावन पर्व की शुभकामनाएं दीं।
होली प्रेम, भाईचारे और सौहार्द का त्योहार - अखिलेश यादव
इस अवसर पर अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में कहा, होली का पर्व हमें एकता, सद्भाव और प्रेम का संदेश देता है। समाजवादी पार्टी हमेशा इस संस्कृति और परंपरा को बनाए रखने के लिए तत्पर रही है। मैं सभी प्रदेशवासियों को होली की हार्दिक बधाई देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि सभी के जीवन में खुशहाली आए।
उन्होंने आगे कहा कि रंगों का यह त्योहार हमें नफरत को भुलाकर प्यार और सद्भाव से आगे बढ़ने की सीख देता है। सैफई की होली पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन चुकी है और हम इसे हर साल और भव्य बनाने का प्रयास करेंगे।
लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने जमाया रंग
कार्यक्रम में लोक कलाकारों और नृत्य दलों द्वारा शानदार प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें पारंपरिक होली गीत, बिरहा, आल्हा और भोजपुरी लोकगीतों का समावेश रहा। इन प्रस्तुतियों पर लोग झूम उठे और पूरा माहौल सांस्कृतिक रंग में रंग गया।
हर्षोल्लास के साथ हुआ आयोजन का समापन
होली के इस पावन पर्व पर सैफई का यह आयोजन भाईचारे, सौहार्द और रंगों के उत्सव का प्रतीक बन गया, जिसने सभी के मन को आनंद और उमंग से भर दिया।
0 टिप्पणियाँ