Peaceful Protest at Gandhi Statue: पत्रकार सुरक्षा पर कानून की उठी मांग
(ब्यूरो चीफ अभय कुमार सिंह)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की निर्मम हत्या के विरोध में ऑल इंडिया न्यूज़पेपर एसोसिएशन (आईना) के बैनर तले पत्रकारों ने गांधी प्रतिमा, लखनऊ पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
इस विरोध प्रदर्शन में आईना के पदाधिकारी, विभिन्न समाचार पत्रों के संवाददाता और कई टीवी चैनलों के पत्रकार शामिल हुए। सभी ने पत्रकार सुरक्षा कानून बनाए जाने की प्रमुखता से मांग की और इस हत्याकांड पर कड़ा रोष व्यक्त किया।
पत्रकारों पर हमले बढ़े, सरकार को उठाने होंगे ठोस कदम - अरुण मिश्रा
आईना के राष्ट्रीय महासचिव अरुण मिश्रा ने कहा कि पत्रकारों पर हो रहे हमले और उनकी हत्याएं बेहद गंभीर चिंता का विषय हैं।
उन्होंने कहा, पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, लेकिन लगातार उन पर हमले हो रहे हैं। जब पत्रकारों पर अत्याचार और हत्याएं होती हैं, तो हम विरोध दर्ज कराते हैं, लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारें इसे गंभीरता से नहीं लेतीं। यह हमलों का एक सिलसिला बन चुका है, जो हमें डराने और दबाने का प्रयास है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। हमारी सरकार से मांग है कि सभी पत्रकारों को न्यूनतम दर पर जल्द से जल्द आर्म्स लाइसेंस जारी किए जाएं, जिससे वे अपनी आत्म-सुरक्षा कर सकें।
इसके साथ ही, पत्रकार सुरक्षा आयोग का गठन किया जाए, जो पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा कर सके।
ग्रामीण और कस्बाई पत्रकारों को सुरक्षा देना जरूरी - सुशील दुबे
आईना के राष्ट्रीय सलाहकार सुशील दुबे ने पत्रकारों की पीड़ा को साझा करते हुए कहा कि ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में काम करने वाले पत्रकारों को विशेष सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा, जो पत्रकार सच्चाई को उजागर करने का कार्य करते हैं, उन्हें आए दिन धमकाया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है और कई बार उनकी हत्या कर दी जाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि, गांव-देहात में काम करने वाले पत्रकारों की लेखनी को रोकने के लिए हर तरह के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी आवाज़ कभी न दबे।
सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग
आईना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल तिवारी, सचिव एन आलम, उपाध्यक्ष नौशाद भाई और नफीस भाई सहित कई पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त किए और इस जघन्य हत्याकांड की कड़ी निंदा की।
सभी पत्रकारों ने एकजुट होकर उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि "पत्रकार सुरक्षा कानून" को जल्द से जल्द लागू किया जाए, ताकि भविष्य में किसी भी पत्रकार के साथ ऐसी नृशंस घटना न हो।
पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान केवल एक मांग नहीं, बल्कि एक ज़रूरत है। लोकतंत्र तभी मजबूत रहेगा जब सच्चाई निर्भीक होकर लिखी और बोली जा सके।
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