
Biswan Power Substation: विद्युत उपकेंद्र के संविदा कर्मचारियों की छंटनी पर संकट, हड़ताल की चेतावनी
(ब्यूरो रिपोर्ट - सत्यकाम श्रीवास्तव)सीतापुर, उत्तर प्रदेश: विद्युत वितरण खण्ड बिसवां, सीतापुर के अंतर्गत विद्युत उपकेन्द्र बिसवां टाउन पर कार्यरत संविदा श्रमिकों ने अपनी छटनी की खबरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। कई वर्षों से आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य कर रहे इन श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी कर्मचारी की छटनी की गई, तो वे सामूहिक रूप से कार्य बंद कर देंगे।
श्रमिकों का आरोप और मांग
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श्रमिकों की मांगे |
श्रमिकों का कहना है कि वे लंबे समय से कुशलतापूर्वक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उनकी छटनी की योजना बनाई जा रही है। इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर, उन्होंने श्रीमान अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खण्ड बिसवां सीतापुर को ज्ञापन सौंपकर अनुरोध किया है कि उनकी छंटनी रोकी जाए और उनकी सेवाओं को निरंतर जारी रखा जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई और विद्युत व्यवस्था प्रभावित होती है, तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी विभाग की होगी।
पत्र में शामिल कर्मचारियों के नाम
पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले कर्मचारियों में मोहम्मद अहमद, सिराज, नरेंद्र कुमार, सुमित यादव, वेद प्रकाश यादव, हिमांशु तिवारी, शिव गोविंद सिंह, प्रदीप कुमार, रजनेश, नासिर अली, राजेंद्र कुमार शुक्ला, आशीष कुमार सिंह, शबी अहमद, अशोक कुमार रस्तोगी, मोहम्मद आरिफ, हरीश मिश्रा, रीशू मौर्या, कुलदीप, अतीक अहमद, निखिल नाग, मेराज अहमद, शिवपाल, अभिषेक जोशी, गुलशाद, शानू, मोहम्मद हारून, शौकत अली और प्रेम कुमार शामिल हैं।
प्रतिलिपि और अपील
श्रमिकों ने इस पत्र की प्रतिलिपि उपखंड अधिकारी (विद्युत वितरण उपखण्ड बिसवां), ऑपरेशन मैनेजर (वर्ल्ड क्लास सर्विसेज लिमिटेड), और उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष/महामंत्री को भी भेजी है। इसके साथ ही, उन्होंने दैनिक समाचार पत्रों और प्रिंट मीडिया के माध्यम से अपनी बात जनता तक पहुंचाने की अपील की है।
आगे की कार्यवाही
यह मामला उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग और संविदा कर्मचारियों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। श्रमिकों की इस चेतावनी से बिसवां टाउन में विद्युत आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, जिसके लिए प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है। फिलहाल, सभी की निगाहें अधिशासी अभियंता और संबंधित अधिकारियों के अगले कदम पर टिकी हैं।
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