भारत का Pakistan पर कड़ा ऐक्शन: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद भारत का निर्णायक कदम
(ब्यूरो रिपोर्ट)
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक के बाद यह फैसले तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं। ये कदम भारत की आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट करते हैं और क्षेत्रीय शांति व सुरक्षा के लिए निर्णायक रुख को दर्शाते हैं।
भारत सरकार के बड़े फैसले
1. सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द
भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। उन्हें 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। यह कदम भारत की आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है।2. अटारी-वाघा बॉर्डर बंद
भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित अटारी-वाघा बॉर्डर को तुरंत बंद कर दिया गया है। इस फैसले के तहत दोनों देशों के बीच आवाजाही और व्यापार पूरी तरह से रोक दिया गया है। यह कदम सीमा पार से होने वाली किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रोकने के लिए लिया गया है।
3. पाकिस्तानी दूतावास बंद करने की प्रक्रिया शुरू
भारत ने नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करने का आदेश जारी किया गया है। यह कदम दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में एक बड़ा बदलाव लाएगा।
4. सिंधु जल संधि समाप्त
भारत ने 1960 में हुई सिंधु जल संधि को खत्म करने का ऐलान किया है। इसके तहत अब पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी नहीं मिलेगा। यह फैसला पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि ये नदियाँ उसकी कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।
5. SAARC वीजा छूट योजना समाप्त
पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत यात्रा की अनुमति अब नहीं दी जाएगी। यह कदम क्षेत्रीय सहयोग के दायरे में पाकिस्तान को अलग-थलग करने की दिशा में एक और कदम है।
भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति
इन फैसलों के माध्यम से भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी कठोर नीति को और स्पष्ट किया है। पहलगाम हमले के बाद सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी।
ये कदम न केवल पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हैं, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत के मजबूत और स्वतंत्र रुख को भी प्रदर्शित करते हैं। भारत सरकार के ये ऐतिहासिक फैसले न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करेंगे, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी एक मिसाल कायम करेंगे।
यह समय है जब भारत ने अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए एक सशक्त कदम उठाया है।
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