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437वें युगऋषि वाङ्मय की स्थापना के साथ आर्यकुल कॉलेज ऑफ फार्मेसी में ज्ञान का दीप प्रज्वलित

Knowledge Lamp Lit at Aryakul College with 437th Era Sage Literature
Knowledge Lamp Lit at Aryakul College with 437th Era Sage Literature

437वें युगऋषि वाङ्मय की स्थापना के साथ आर्यकुल कॉलेज ऑफ फार्मेसी में ज्ञान का दीप प्रज्वलित

ब्यूरो रिपोर्ट: सुनील त्रिपाठी

सीतापुर (उ.प्र.) – गायत्री परिवार की विचार क्रान्ति अभियान के अंतर्गत चल रहे ज्ञान यज्ञ अभियान की श्रृंखला में एक और प्रेरणादायक अध्याय जुड़ गया। इंदिरा नगर, लखनऊ स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर द्वारा आरंभ किए गए इस अभियान के अंतर्गत 437वाँ युगऋषि वाङ्मय का शुभारंभ आर्यकुल कॉलेज ऑफ फार्मेसी, जज्जौर, मनावा, सीतापुर के केन्द्रीय पुस्तकालय में किया गया।

यह स्थापना गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री श्रीमती मीरा वर्मा द्वारा उनके पूज्य पूर्वजों की स्मृति में सम्पन्न हुई। इस पुनीत अवसर पर कॉलेज के सभी छात्र-छात्राओं, विभागाध्यक्षों, संकाय सदस्यों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका की प्रतियाँ भी भेंट की गईं।

कार्यक्रम के मुख्य संयोजक श्री उमानन्द शर्मा ने वाङ्मय स्थापना के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा, ज्ञानदान संसार का सबसे बड़ा दान है। उन्होंने युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 79 खंडों के इस वाङ्मय को युग निर्माण का महामंत्र बताया।

इस अवसर पर गायत्री परिवार की वरिष्ठ सदस्या श्रीमती उषा सिंह और आर्य टीवी के प्रमुख डॉ. अजय कुमार शुक्ला ने भी युगऋषि के विचारों की प्रासंगिकता पर अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम का समापन संस्था की निदेशिका डॉ. स्तुति वर्मा के भावपूर्ण धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने गायत्री परिवार के इस अमूल्य योगदान के लिए आभार प्रकट किया।

इस आयोजन में विशेष रूप से उपस्थित रहे-
  • डॉ. स्तुति वर्मा (निदेशिका, आर्यकुल कॉलेज),
  • डॉ. अजय कुमार शुक्ला (प्रमुख, आर्य टीवी),
  • पं. बृजेश मिश्रा  
  • श्री देवेन्द्र सिंह,
  • श्रीमती सावित्री शर्मा,
  • श्रीमती विमलेश मिश्रा,
  • तथा कॉलेज के शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएँ।


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