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मोक्षदा जल धारा के पुनर्जीवन हेतु शुरू हुई ग्राम पंचायतों की बड़ी पहल

Mokshada Water Stream Revival

मोक्षदा जल धारा के पुनर्जीवन हेतु शुरू हुई ग्राम पंचायतों की बड़ी पहल: ग्राम सभाओं में बनेगी विस्तृत कार्ययोजना

ब्यूरो: सुनील त्रिपाठी

प्रतापगढ़ जनपद की ऐतिहासिक जलधारा मोक्षदा (प्रसिद्ध रूप से मोछहा का नार) के संरक्षण और पुनर्जीवन को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत हुई है। इस दिशा में मनरेगा लोकपाल समाज शेखर के नेतृत्व में संबंधित ग्राम पंचायतों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जलधारा के भविष्य को लेकर ठोस कार्ययोजना बनाने का निर्णय लिया गया।

ग्राम सभाओं में बनेगी विस्तृत योजना

ग्राम पंचायतों ने सर्वसम्मति से तय किया कि संबंधित ग्राम सभाओं की बैठकों में मोक्षदा जलधारा के संरक्षण, साफ-सफाई, पुनर्जीवन और दीर्घकालिक प्रबंधन को लेकर विस्तृत योजनाएं तैयार की जाएंगी। इस क्रम में विभिन्न तिथियों पर ग्राम सभाएं आयोजित होंगी, जिनमें विभागीय अधिकारियों की भी सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

संवाद कार्यक्रम में उठे कई अहम मुद्दे

विकास भवन के सभागार में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में सड़वा चंद्रिका और मंगरौरा ब्लॉक के ग्राम प्रधान, सचिव, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक, सामाजिक कार्यकर्ता और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत मोक्षदा विकास समिति के संयोजक श्लोक मिश्र के स्वागत भाषण और अब तक हुए कार्यों की जानकारी से हुई। उन्होंने सरकारी योजनाओं के साथ-साथ स्थानीय स्वैच्छिक प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।

नमामि गंगे परियोजना से मिल सकती है नई दिशा

नमामि गंगे परियोजना के जिला परियोजना अधिकारी शिवम यादव ने कहा कि यदि मोक्षदा जलधारा को पुनर्जीवित किया गया, तो इससे न केवल स्थानीय ग्रामवासियों को लाभ मिलेगा, बल्कि जनपद की सांस्कृतिक और पारिस्थितिक पहचान को भी बल मिलेगा।

हरि शंकरी पौधरोपण का संकल्प

लोक भारती के जिला संयोजक डी.के. शर्मा ने जलधारा के किनारे "हरि शंकरी" पौधों के सामूहिक रोपण का संकल्प लिया, जिससे जल स्रोत के आसपास हरियाली और पारिस्थितिकी संतुलन बना रहे।

ग्राम सभाओं की तिथियां तय

  • 19 अप्रैल – कमास ग्राम पंचायत, ब्लॉक: सड़वा चंद्रिका
  • 21 अप्रैल – सूर्यगढ़ ग्राम पंचायत, ब्लॉक: मंगरौरा
  • 23 अप्रैल – औरंगाबाद ग्राम पंचायत
  • 24 अप्रैल – नरहरपुर ग्राम पंचायत

इन बैठकों में भूमि संरक्षण विभाग, लघु सिंचाई विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे प्रस्तावित योजनाएं अधिक व्यापक और प्रभावी बन सकें।

उपस्थिति रही प्रभावशाली

बैठक में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता कार्तिकेय द्विवेदी, युगेश तिवारी, दुर्गेश तिवारी, औरंगाबाद ग्राम प्रधान संजय यादव, सचिव संजय शुक्ल, तकनीकी सहायक राज कुमार, कमास ग्राम प्रधान राम बरन मौर्य, सचिव उत्तम पटेल, तकनीकी सहायक विजय कुमार, सूर्यगढ़ सचिव सचिन सिंह, तकनीकी सहायक संतोष सिंह, नरहरपुर ग्राम सचिव और तकनीकी सहायक सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।

मोक्षदा जलधारा के पुनर्जीवन की यह पहल जन-भागीदारी, प्रशासनिक समन्वय और पर्यावरणीय चेतना का एक सशक्त उदाहरण बन रही है। यदि यह योजना प्रभावी ढंग से लागू होती है, तो यह न केवल जल संकट से जूझ रहे गांवों के लिए राहत बनेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को एक मूल्यवान धरोहर भी प्रदान करेगी।

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