तालाब निर्माण में लापरवाही पर लोकपाल सख्त, दोनई पंचायत के MGNREGA कर्मियों से जवाबतलब
(ब्यूरो: सुनील त्रिपाठी, प्रतापगढ़)
बेलखरनाथ धाम ब्लाक की दोनई ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत निर्माणाधीन तालाब कार्य की धीमी प्रगति पर मनरेगा लोकपाल समाज शेखर ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।
30 अप्रैल तक कार्य पूर्ण करने का अल्टीमेटम
उन्होंने प्रधान विजय कुमार सहित समस्त संबंधित मनरेगा कर्मियों को अपने कार्यालय में तलब कर स्पष्ट निर्देश दिए कि 30 अप्रैल तक कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाए।
इस कार्य में देरी को लेकर सभी मनरेगा कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसमें उन्होंने तकनीकी व प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए तय समय तक कार्य पूरा करने का आश्वासन दिया।
लोकपाल ने बैठक में उपस्थित अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी बृजेश कुमार को निर्देशित किया कि कार्य की नियमित निगरानी करें और 30 अप्रैल तक इसकी पूर्णता सुनिश्चित कर तकनीकी आख्या बीडीओ कार्यालय के माध्यम से प्रस्तुत कराई जाए। लोकपाल ने दो टूक शब्दों में कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
1 मई को तालाब का स्थल निरीक्षण करेंगे लोकपाल
समाज शेखर ने स्पष्ट किया कि वे स्वयं 1 मई को दोनई ग्राम पंचायत पहुंचकर तालाब निर्माण की प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही वे ग्राम के समस्त मनरेगा मजदूरों के साथ बैठक कर उनके कार्य अनुभव, समस्याएं और योजनाओं की प्रगति की जानकारी भी लेंगे।
मोक्षदा जलधारा संरक्षण को लेकर 11 अप्रैल को महत्त्वपूर्ण बैठक
इसके अतिरिक्त लोकपाल समाज शेखर ने जल संरक्षण को लेकर भी एक गंभीर पहल की है। उन्होंने सडवाचंद्रिका ब्लॉक के कमास, और मंगरौरा ब्लॉक के सूर्यगढ़, नरहरपुर और औरंगाबाद ग्राम पंचायतों के प्रधान, सचिव, तकनीकी सहायक और रोजगार सेवकों को 11 अप्रैल को लोकपाल कार्यालय में आमंत्रित किया है। यह बैठक अति प्राचीन जलधारा ‘मोक्षदा’ के प्रबंधन और संरक्षण को लेकर की जा रही है।
इस बैठक में मोक्षदा जलधारा के पुनरोद्धार से जुड़े प्रमुख कार्यकर्ता भी भाग लेंगे, जहां समग्र विचार-विमर्श कर एक प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाएगी।
लोकपाल ने जल संरक्षण को भविष्य की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि ग्रामीण संसाधनों का सतत विकास तभी संभव है जब हम अपने पारंपरिक जल स्रोतों को संरक्षित करें और उनका योजनाबद्ध ढंग से पुनर्जीवन करें।
ग्रामीण विकास और जवाबदेही की दिशा में मजबूत कदम
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मनरेगा कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता पर अब कठोर निगरानी की जा रही है। लोकपाल द्वारा उठाए गए इन कदमों से न सिर्फ जवाबदेही तय होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की गति को भी बल मिलेगा। साथ ही, मोक्षदा जैसी ऐतिहासिक जलधाराओं के संरक्षण के लिए क्षेत्रीय नेतृत्व की यह पहल आने वाले समय में उदाहरण बन सकती है।
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