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भारतीय रिज़र्व बैंक स्थापना दिवस पर Dr. Babasaheb Ambedkar को श्रद्धांजलि: वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना

Tribute to Dr. Babasaheb Ambedkar on RBI Foundation Day

भारतीय रिज़र्व बैंक स्थापना दिवस पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि: वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना

(ब्यूरो रिपोर्ट- सुनील त्रिपाठी) 

आगरा: भारतीय रिज़र्व बैंक के स्थापना दिवस के अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना ने भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के आर्थिक योगदान को याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। 

उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर न केवल एक महान विधिवेत्ता और समाज सुधारक थे, बल्कि भारतीय आर्थिक संरचना के सशक्त निर्माता भी थे। उनके विचारों और मार्गदर्शन ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की स्थापना की नींव रखी, जिससे भारतीय मुद्रा प्रणाली को संगठित और सुदृढ़ करने का मार्ग प्रशस्त हुआ।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की भूमिका

राजेश खुराना ने कहा, "भारतीय आर्थिक व्यवस्था के विकास में डॉ. आंबेडकर की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक 'भारतीय रुपये की समस्या - इसकी उत्पत्ति और समाधान' के आधार पर 1926 में गठित हिल्टन यंग कमीशन (रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फायनेंस) ने भारतीय रिज़र्व बैंक की अवधारणा को तैयार किया था। यह उनकी आर्थिक दूरदृष्टि और विशेषज्ञता का प्रमाण है।"

उन्होंने आगे कहा कि डॉ. आंबेडकर ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो सुझाव दिए, वे आज भी प्रासंगिक हैं। 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना की गई, लेकिन दुर्भाग्यवश, डॉ. आंबेडकर को वह सम्मान और मान्यता नहीं मिली जिसके वे पूरी तरह से पात्र थे।

डॉ. आंबेडकर की विचारधारा आज भी प्रासंगिक

श्री खुराना ने कहा, "डॉ. बाबासाहेब का दृष्टिकोण सिर्फ आर्थिक सुधारों तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता को भी बढ़ावा दिया। उनके विचारों से ही भारतीय समाज में आर्थिक समानता और न्याय की अवधारणा को बल मिला। 

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक के स्थापना दिवस पर हम उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें नमन करते हैं।"

उन्होंने जोर देकर कहा कि डॉ. आंबेडकर की आर्थिक नीतियाँ और दृष्टिकोण आज भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके विचारों को अपनाकर हम देश को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बना सकते हैं।

वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना ने इस अवसर पर सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे डॉ. आंबेडकर के विचारों को अपनाते हुए आर्थिक और सामाजिक समृद्धि की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि एक संगठित और मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए डॉ. बाबासाहेब की शिक्षाएँ हमेशा मार्गदर्शक बनी रहेंगी।

भारतीय रिज़र्व बैंक के स्थापना दिवस पर यह अवसर हमें याद दिलाता है कि किस प्रकार डॉ. आंबेडकर की दूरदृष्टि ने हमारे देश की आर्थिक नींव को मजबूत किया और हमें एक सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर किया।

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