436वाँ युगऋषि वाङ्मय: ज्ञान यज्ञ अभियान की नई उपलब्धि
रिपोर्टर पंकज तिवारी
स्थल: सिटी हॉस्पिटल एण्ड इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइन्सेज, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश
गायत्री ज्ञान मंदिर, इंदिरा नगर, लखनऊ के तत्वावधान में संचालित विचार क्रांति ज्ञान यज्ञ अभियान के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है।
इस अभियान के तहत "सिटी हॉस्पिटल एण्ड इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइन्सेज, लक्षबर बजहा, प्रतापगंज, बाराबंकी" के केन्द्रीय पुस्तकालय में 436वाँ युगऋषि वाङ्मय स्थापित किया गया। यह संग्रह गायत्री परिवार के संस्थापक, युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का है, जो नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा का अमूल्य भंडार है।
भावभीनी श्रद्धांजलि
इस पुनीत कार्य में श्री पी० कुमार एवं श्रीमती बिन्द्रावती कुशवाहा (पौत्र-पौत्रवधू) ने अपने दिवंगत दादाजी स्व० श्री हरिहर प्रसाद मौर्य की स्मृति में यह वाङ्मय भेंट किया। इसके साथ ही, सभी छात्र-छात्राओं, संकाय सदस्यों, विभागाध्यक्षों एवं अधिकारियों को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भी वितरित की गई।
मुख्य वक्ताओं के विचार
इस आयोजन में वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक श्री उमानंद शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "ऋषि का साहित्य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है।" श्री वी०के० श्रीवास्तव ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए।
संस्थान का सहयोग एवं धन्यवाद ज्ञापन
इस आयोजन का समापन संस्थान के विभागाध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस महत्वपूर्ण अवसर पर संस्थान के प्रबंध निदेशक श्री अनमोल श्रीवास्तव, निदेशक डॉ० ममता श्रीवास्तव, प्रशासनिक अधिकारी श्री मृत्युंजय नाथ गर्ग, सहायक प्रवक्ता श्री सुरेन्द्र विक्रम सहित गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि श्री उमानंद शर्मा, श्री वी०के० श्रीवास्तव, श्री देवेन्द्र सिंह, श्रीमती अर्चना निरंजन, श्रीमती सावित्री शर्मा तथा कॉलेज के अन्य संकाय सदस्य, प्रशासनिक अधिकारी एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
ज्ञान यज्ञ अभियान की नई ऊँचाइयाँ
436वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना इस बात का प्रमाण है कि ज्ञान और नैतिकता के प्रचार-प्रसार में गायत्री परिवार निरंतर प्रयासरत है। यह अभियान विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा और समाज में नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगा।
इस महत्वपूर्ण स्थापना के साथ ही, विचार क्रांति ज्ञान यज्ञ अभियान की यह यात्रा और भी प्रेरणादायक बन गई है, जो आने वाले समय में और अधिक संस्थानों में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराएगी।
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