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भीषण गर्मी में राहगीरों के लिए मसीहा बने Sardar Patvinder Singh

Sardar Patvinder Singh: A Savior for Travelers in the Scorching Heat

भीषण गर्मी में राहगीरों के लिए मसीहा बने सरदार पतविंदर सिंह

(ब्यूरो चीफ : अभय कुमार सिंह)

नैनी, प्रयागराज:

चिलचिलाती धूप और झुलसाती गर्मी में जब सड़कें तप रही हैं और राहगीर प्यास से बेहाल हैं, ऐसे कठिन समय में भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने मानव सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है।

पीठ पर लादकर राहगीरों को पिलाया शीतल जल, बांटा गुड़

सरदार पतविंदर सिंह ने अपने सामाजिक सहयोगियों के साथ मिलकर नैनी क्षेत्र के प्रमुख चौराहों पर अपनी पीठ पर शीतल जल के गैलन लादकर राहगीरों को ठंडा जल और गुड़ वितरित किया। उनका यह सेवा कार्य केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि भीषण गर्मी से राहत दिलाने का एक प्रभावी प्रयास भी है।

गर्मी से त्रस्त राहगीरों को राहत

पतविंदर सिंह द्वारा राहगीरों को निःशुल्क ठंडा पानी और गुड़ उपलब्ध कराकर उन्हें गर्मी से राहत दिलाने का कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि गर्मी में गुड़ खाने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और पानी शरीर को ठंडक प्रदान करता है।

उनके इस सेवा कार्य में शिक्षाविद अमित कुमार प्रजापति, हरमनजी सिंह, दलजीत कौर समेत कई स्वयंसेवकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। सभी ने जगह-जगह ठंडा जल वितरित कर राहगीरों की प्यास बुझाई।

पशु-पक्षियों का भी रखा ध्यान

केवल मानव सेवा तक ही सीमित नहीं रहकर, सरदार पतविंदर सिंह ने क्षेत्र में जगह-जगह पशु-पक्षियों के लिए भी पानी के बर्तन रखवाए। उनका मानना है कि इन भीषण परिस्थितियों में मूक प्राणियों के लिए भी राहत प्रदान करना उतना ही आवश्यक है जितना इंसानों के लिए।

सरदार पतविंदर सिंह का कहना है,

मानव सेवा जो करें, वह सदा सुख पाए। जब किसी प्यासे को पानी पिलाया जाता है, तो केवल उसका शरीर ही नहीं, बल्कि आत्मा भी तृप्त होती है।

वे मानते हैं कि तपती गर्मी में प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य कार्य है, और इससे उन्हें भी गहरी आत्मिक शांति और संतोष की अनुभूति होती है।

समाज में बने प्रेरणा का स्रोत

जब अधिकांश लोग इस भयंकर गर्मी से बचने के लिए घरों में छिपे बैठे हैं, ऐसे में सरदार पतविंदर सिंह और उनके सहयोगियों का यह प्रयास समाज में सेवा भावना का एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरा है। स्थानीय लोग भी उनके इस प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा कर रहे हैं।

सरदार पतविंदर सिंह जैसे समाजसेवियों की पहलें यह साबित करती हैं कि मानवता और करुणा आज भी जीवित है। तपती दोपहरी में जब एक गिलास ठंडा पानी जीवनदान बन जाए, तब ऐसे कार्यों की महत्ता और भी बढ़ जाती है।


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