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केजीएमयू में युगऋषि वाङ्मय की 439वीं स्थापना

439th Establishment of Yugrishi Literature at KGMU
केजीएमयू में युगऋषि वाङ्मय की 439वीं स्थापना

केजीएमयू में युगऋषि वाङ्मय की 439वीं स्थापना

(ब्यूरो: सुनील कुमार त्रिपाठी)

लखनऊ: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU), उत्तर प्रदेश के पैरामेडिकल विज्ञान संकाय के केंद्रीय पुस्तकालय में शनिवार को एक विशेष समारोह में युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 79 खंडों का वाङ्मय स्थापित किया गया। 

यह आयोजन गायत्री ज्ञान मंदिर, इंदिरा नगर लखनऊ द्वारा चलाए जा रहे विचार क्रांति ज्ञान यज्ञ अभियान के अंतर्गत 439वीं वाङ्मय स्थापना के रूप में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम का आयोजन केजीएमयू परिसर के कलाम सेंटर में किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के चिकित्सकों, पैरामेडिकल छात्रों व संकाय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। 

वाङ्मय साहित्य डॉ. नीलम गुप्ता द्वारा अपने दिवंगत सास-ससुर स्व. श्रीमती विद्या देवी गुप्ता एवं स्व. राम औतार गुप्ता की स्मृति में भेंट किया गया। साथ ही सभी उपस्थितजनों को अखण्ड ज्योति (हिंदी) पत्रिका की प्रतियां भी वितरित की गईं।

गायत्री परिवार के प्रतिनिधि एवं अभियान के मुख्य संयोजक श्री उमानंद शर्मा ने कहा कि ज्ञानदान पूर्वजों को सच्ची श्रद्धांजलि देने का सर्वोत्तम माध्यम है। 

युगऋषि का वाङ्मय छात्रों और शिक्षकों को न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि आचार्य श्री की विचारधारा से उन्हें जीवन मूल्यों की दिशा भी मिलेगी।"

इस अवसर पर प्रो वाइस चांसलर प्रो. अपजीत कौर, पैरामेडिकल संकाय के डीन प्रो. अनिल निश्चल, डॉ. पी.डी. सारस्वत, डॉ. संगीता सारस्वत, श्री वी.के. श्रीवास्तव, श्री देवेंद्र सिंह सहित अनेक गणमान्यजन मौजूद रहे।

गायत्री परिवार की यह पहल विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों और भारतीय सांस्कृतिक चेतना को जाग्रत करने की दिशा में एक प्रभावी कदम मानी जा रही है।

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