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गुरु अर्जुन देव जी की शहादत पर श्रद्धा और सेवा का भाव

Devotion and Service on the Martyrdom Day of Guru Arjan Dev Ji
Guru Arjan Dev Ji Martyrdom Day

गुरु अर्जुन देव जी की शहादत पर श्रद्धा और सेवा का भाव

(मुख्य ब्यूरो चीफ: अभय कुमार सिंह)

मानवता, सेवा, और अध्यात्म के प्रतीक साहिब श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज के शहादत दिवस के पावन अवसर पर प्रयागराज में श्रद्धा, भक्ति और सेवा भाव का अनूठा संगम देखने को मिला। अलोपीबाग गुरुद्वारा संगत द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दिन भर वाहेगुरु के नाम का संकीर्तन, सेवा और संगत में अपार श्रद्धा देखने को मिली।

प्रयागराज में छबील, पाठ और सम्मान समारोह

प्रातः काल से शुरू हुए गुरबाणी पाठ, अरदास और हुक्मनामा के बाद संगत को मीठा ठंडा जल (छबील) और अटूट लंगर वितरित किया गया। 

इसी कड़ी में बीते 40 दिनों से संध्या काल में श्री सुखमणि साहिब पाठ में नियमित रूप से प्रथम पंक्ति में स्थान लेने वाली माताओं और बहनों को संगत के बीच विशेष सम्मान दिया गया। इस सम्मान समारोह ने संगत के भीतर सेवा, निष्ठा और समय पालन के महत्व को और गहराई से स्थापित किया।

गुरुद्वारा प्रमुख सरदार परमजीत सिंह बग्गा ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहिब श्री गुरु अर्जुन देव जी ने श्री गुरु नानक देव जी के द्वारा आरंभ की गई परंपरा को आगे बढ़ाते हुए भक्तों, संतों और फकीरों की वाणी को संकलित कर 'साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी' की संपादना की। ऐसे ब्रह्मज्ञानी, शांति के पुंज, और अहिंसा के पुजारी गुरु महाराज को कोटि-कोटि नमन।

वहीं दूसरी ओर नैनी, मिर्ज़ापुर रोड स्थित जे.एस. हांडा शोरूम, जी.ई.सी कंपनी, और मैन स्पोर्ट्स शार्प के समीप भी राहगीरों को दिन भर छबील, मीठा शरबत और चने का प्रसाद श्रद्धा और सेवा भाव से वितरित किया गया। बड़ी संख्या में लोग इस पवित्र सेवा में सम्मिलित हुए और गुरुपर्व की महिमा का गुणगान किया।

सेवा में समर्पित रहे: ज्ञानी जसपाल सिंह, परमिंदर सिंह बंटी, सरदार पतविंदर सिंह, देविंदर पाल सिंह, हरप्रीत सिंह, योगेन्द्र सिंह, सनप्रीत सिंह, मनजीत सिंह, जसवीर सिंह सोढ़ी, गुरुप्रीत सिंह मोहित, जनमीत सिंह, जसप्रीत सिंह, गगनप्रीत सिंह, नितिन, लकी, कप्तान यादव, दीपक पांडे, रवि यादव, सुरेंद्र कौर, दलजीत कौर, हरमनजीत सिंह सहित सैकड़ों सेवादार दिन भर सेवा में तत्पर रहे।

यह आयोजन न केवल गुरु अर्जुन देव जी की शहादत को श्रद्धांजलि था, बल्कि समाज को सेवा, भक्ति और भाईचारे का संदेश देने वाला एक सशक्त उदाहरण भी बना।

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