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पक्की संगत गुरुद्वारा को संवारने की पहल, सिख समुदाय में हर्ष |
पक्की संगत गुरुद्वारा को संवारने की पहल, सिख समुदाय में हर्ष
(मुख्य ब्यूरो चीफ अभय कुमार सिंह)
प्रयागराज, नैनी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के सौन्दर्यीकरण की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम के तहत अब सिख धर्म के पवित्र स्थलों को भी सरकार की कार्ययोजना में विशेष महत्व मिल रहा है।
इसी क्रम में प्रयागराज स्थित गुरुद्वारा पक्की संगत, जो सिख इतिहास में एक गौरवशाली स्थान रखता है, को प्रदेश की सौन्दर्यीकरण कार्ययोजना में सबसे पहले शामिल किया गया है। यह कदम सिख समुदाय के लिए केवल एक प्रशासनिक घोषणा नहीं, बल्कि आस्था और गौरव का विषय बन गया है।
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हृदय से आभार जताया और कहा कि यह केवल गुरुद्वारा नहीं बल्कि सिख इतिहास की एक जीती-जागती विरासत है जिसे अब एक दिव्य और भव्य स्वरूप में देखा जाएगा।
गुरु तेग बहादुर जी से जुड़ा है स्थान का इतिहास
गौरतलब है कि गुरुद्वारा पक्की संगत वही स्थल है, जहाँ सिखों के नवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी ने वर्ष 1660 में छह महीने से अधिक समय तक निवास किया था।
उन्होंने इस पवित्र स्थान पर ध्यान, जप-तप और सत्संग करते हुए जनमानस को आध्यात्मिक संदेश दिए। यह स्थल न केवल सिख धर्म के लिए, बल्कि समूचे भारत की धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत के लिए अमूल्य धरोहर है।
सरकार की पहल से ऐतिहासिक स्थलों को मिलेगा नया जीवन
सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि यह निर्णय उत्तर प्रदेश में मौजूद सिख तीर्थस्थलों के सम्मान और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा केवल सौन्दर्यीकरण ही नहीं, बल्कि इन स्थलों के संरक्षण, प्रचार और आध्यात्मिक महत्व को देश-दुनिया तक पहुँचाने का कार्य भी सुनिश्चित किया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत गुरुद्वारों के परिसर में स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था, श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाएँ, ऐतिहासिक जानकारियाँ प्रदर्शित करने हेतु सूचना केंद्र, तथा आधुनिक तकनीक से जुड़ी व्यवस्थाओं को भी शामिल किया जाएगा।
सेवादारों और समाज में हर्ष का माहौल
वर्तमान में गुरुद्वारा पक्की संगत के मुख्य सेवादार महंत ज्ञान सिंह इस ऐतिहासिक स्थल की सेवा में वर्षों से समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार की ओर से मिला सम्मान सिख समाज की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा।
इस ऐतिहासिक निर्णय पर सिख समाज के प्रमुख जनप्रतिनिधियों और श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।
जगजीत सिंह, सुरजीत सिंह, वरियाम सिंह, कुलदीप सिंह, परमिंदर सिंह बंटी, तरनजीत कौर, परमजीत सिंह, गुरदीप सिंह सरना, हरमनजीत सिंह और दलजीत कौर समेत कई गणमान्य लोगों ने सरकार को लख-लख बधाइयाँ देते हुए इसे धार्मिक समरसता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बताया।
धार्मिक पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
इस पहल से न केवल श्रद्धालुओं को एक सुंदर और पवित्र वातावरण मिलेगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। देश-विदेश से आने वाले सिख श्रद्धालु अब इस स्थल को बेहतर सुविधाओं और ऐतिहासिक गौरव के साथ देख सकेंगे।
समाप्ति पर एक संदेश
यह निर्णय यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार केवल निर्माण और विकास के कार्यों तक सीमित नहीं, बल्कि धार्मिक धरोहरों के संरक्षण और सांस्कृतिक मूल्यों के संवर्धन को भी समान प्राथमिकता दे रही है। सिख समुदाय के इस सम्मान ने राज्य की सांझी विरासत को और अधिक समृद्ध किया है।
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