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UP में तकनीकी शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव: CM Yogi का नवाचार और रोजगार पर फोकस

Revolution in Technical Education in UP CM Yogi Focuses on Innovation and Employment

UP में तकनीकी शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव: CM Yogi का नवाचार और रोजगार पर फोकस

(ब्यूरो रिपोर्ट: बलराम सिंह)

 लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए नवाचारों के समावेश और व्यवहारिक प्रशिक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया। 

मुख्यमंत्री ने तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने बीते आठ वर्षों में इस क्षेत्र को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण, नवाचारपरक और परिणामोन्मुखी बनाने के लिए अनेक ठोस कदम उठाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं।

गुणवत्ता और नवाचार पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी प्राविधिक संस्थान नैक (NAAC), एनबीए (NBA) और एनआईआरएफ (NIRF) मूल्यांकन में प्रतिभाग करें, लेकिन आवेदन से पूर्व पूरी तैयारी सुनिश्चित की जाए। 

उन्होंने राज्य संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (SIRF) के तहत पॉलिटेक्निक संस्थानों की रैंकिंग व्यवस्था की सराहना की और इसमें निजी संस्थानों को भी सम्मिलित करने के निर्देश दिए, जिससे सभी संस्थानों में गुणवत्ता के समान मानक तय हो सकें।

विश्वविद्यालयों में रिकॉर्ड नामांकन और रोजगार उपलब्धता

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ में वर्ष 2024-25 के लिए 1.64 लाख सीटों पर नामांकन हुआ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन किया गया है, जिसमें MOOC, चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट और इंटीग्रेटेड प्रोग्राम शामिल हैं। 

वर्ष 2023-24 में विश्वविद्यालय के 12,739 छात्रों को रोजगार प्राप्त हुआ, जिनमें अधिकतम वार्षिक पैकेज ₹59.91 लाख रहा। एमएमएमयूटी गोरखपुर में भी छात्रों को ₹52 लाख तक के पैकेज मिले।

नई परियोजनाओं और इंटर्नशिप पर जोर

मुख्यमंत्री ने नवस्थापित राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों बस्ती, गोंडा, मीरजापुर और प्रतापगढ़ की निर्माण परियोजनाओं को समयसीमा में पूरा करने का निर्देश दिया ताकि अगले सत्र से कक्षाएं अपने परिसरों में शुरू हो सकें। उन्होंने सभी छात्रों के लिए औद्योगिक इंटर्नशिप को अनिवार्य करने पर बल दिया, जिससे छात्र व्यवहारिक ज्ञान और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप दक्षता प्राप्त कर सकें।

तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा की मजबूती

प्रदेश में 2139 पॉलिटेक्निक संस्थान संचालित हैं, जिनमें 2.68 लाख से अधिक प्रवेश क्षमता है। पाठ्यक्रमों में ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग जैसे आधुनिक विषय शामिल किए गए हैं। 

वहीं 324 राजकीय और 2982 निजी आईटीआई के माध्यम से युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से 212 राजकीय आईटीआई को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है।

रोजगार और अप्रेंटिसशिप में उछाल

वर्ष 2024-25 में 1.25 लाख प्रशिक्षुओं को अप्रेंटिसशिप एवं रोजगार के अवसर मिले हैं। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत 30,000 से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है। साथ ही सीएसआर फंड के माध्यम से 37 जिलों में आधुनिक कौशल प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। एनपीएस और सीएमएपीएस योजनाओं के तहत बीते पांच वर्षों में 2.67 लाख अप्रेंटिस नियुक्त किए गए हैं।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि उत्तर प्रदेश की युवा शक्ति को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा केवल प्रमाणपत्र प्राप्त करने का साधन नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह व्यवहारिक, कौशलयुक्त और उपयोगी बननी चाहिए। 

उन्होंने सभी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत बताई ताकि हर युवा को उसके कौशल के अनुरूप अवसर मिल सके और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना को साकार किया जा सके


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