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Buddha-Gandhi's Way to Peace: राजर्षि टंडन में Yoga Webinar

Buddha Gandhi Peace Yoga Webinar

Buddha-Gandhi's Way to Peace: राजर्षि टंडन में Yoga Webinar

(ब्यूरो सुनील कुमार त्रिपाठी) 

प्रयागराज: राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज की शिक्षा एवं स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखाओं द्वारा गुरुवार को योग के महत्व पर अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। राज्यपाल सचिवालय के निर्देशानुसार आयोजित इस वेबीनार में देश-विदेश के अनेक विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यकाम ने अपने संबोधन में कहा कि आज की अशांत दुनिया में केवल महात्मा बुद्ध और महात्मा गांधी के विचारों को अपनाकर ही स्थायी शांति लाई जा सकती है। योग, प्राणायाम और ध्यान जैसे भारतीय जीवनदर्शन के अविभाज्य अंग मानव जीवन को तनाव और समस्याओं से मुक्त कर सकते हैं।

वेबीनार में प्रमुख रूप से मुम्बई के सर्वोदय महाबुद्ध विहार के योग विशेषज्ञ डॉ. भदन्त राहुल बोधि, स्लोवाकिया की प्रो. एलेना हासकोवा, नार्वे के भारतीय नार्वेजियन सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के अध्यक्ष श्री सुरेश चंद्र शुक्ला, मारीशस विश्वविद्यालय के प्रो. लाल बिहारी, सहारनपुर के डॉ. मनोज कुमार सिंह, मेरठ के प्रो. विजय जायसवाल, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पी.के. साहू सहित कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने विचार साझा किए।

सभी वक्ताओं ने एकमत से इस बात पर बल दिया कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम है, बल्कि यह मानसिक और आत्मिक विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कार्यक्रम के निदेशक प्रो. पी.के. स्टालिन ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। संचालन प्रो. छत्रसाल सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव प्रो. मीरा पाल द्वारा किया गया। उन्होंने योग के सामाजिक और वैश्विक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा भी प्रस्तुत की।

यह आयोजन वैश्विक स्तर पर भारत की योग परंपरा की प्रतिष्ठा और प्रभाव को पुनः रेखांकित करता है।

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