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India's Shakti of Progress - ऊर्जा क्रांति से आत्मनिर्भर भारत की रचना |
India's Shakti of Progress - आत्मनिर्भर भारत की ओर एक निर्णायक कदम
(न्यूज़ संचालक बलराम सिंह)
नई दिल्ली - जून 2025
भारत आज ऊर्जा के क्षेत्र में वह मुकाम हासिल कर चुका है, जिसकी कल्पना एक दशक पहले केवल एक लक्ष्य मात्र थी। प्रगति को शक्ति का मंत्र लेकर देश ने ऊर्जा उत्पादन और वितरण प्रणाली को जिस प्रकार से आधुनिक और समावेशी बनाया है, वह विश्व मंच पर एक प्रेरक उदाहरण बन चुका है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण सिंह ने हाल ही में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि सिर्फ दस वर्षों में भारत ने ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 56% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है, और आज हम 475 गीगावॉट तक पहुँच चुके हैं। यह केवल आंकड़ों की बात नहीं है, यह हर गांव, हर शहर, हर फैक्ट्री और हर घर की रोशनी में झलकती सच्चाई है।
उन्होंने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश में बिजली की कमी घटकर मात्र 0.1% रह गई है - जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। साथ ही, बिजली की खपत में 46% की वृद्धि यह दर्शाती है कि भारत में उद्योग, व्यापार और घरेलू गतिविधियों में लगातार तीव्र गति से विकास हो रहा है।
केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना, राष्ट्रीय हरित ऊर्जा मिशन, सौर ऊर्जा मिशन और ग्रीन हाइड्रोजन इनिशिएटिव जैसी पहलों ने भारत को न सिर्फ ऊर्जा आत्मनिर्भरता की राह पर डाला है, बल्कि यह देश को पर्यावरणीय स्थायित्व की दिशा में भी अग्रसर कर रही हैं।
अरुण सिंह ने कहा कि आज भारत न केवल ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर हो रहा है, बल्कि हरित और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिए गए ठोस फैसलों का ही परिणाम है कि आज हम ऊर्जा आपूर्ति के मामले में विश्वसनीय और स्थिर राष्ट्र बन चुके हैं।
भारत की ऊर्जा क्रांति, सिर्फ तकनीकी सफलता नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव का मजबूत स्तंभ बन चुकी है। यह क्रांति एक उज्जवल, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के भविष्य को रौशन कर रही है और आने वाले वर्षों में यह रफ्तार और भी तेज होने वाली है।
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