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गोरखनाथ मंदिर, पुलिस प्रशासन और 'वक्त का मुद्दा न्यूज़' की सहभागिता से लापता किशोरी नेपाल से सकुशल बरामद

सांकेतिक तस्वीर

गोरखनाथ मंदिर, पुलिस प्रशासन और 'वक्त का मुद्दा न्यूज़' की सहभागिता से लापता किशोरी नेपाल से सकुशल बरामद

(रा• मुख्य ब्यूरो चीफ अभय कुमार सिंह)

महराजगंज-गोरखपुर : 30 जून 2025

रहस्यमयी ढंग से लापता हुई किशोरी

महराजगंज जिले के मधवलिया गांव की 15 वर्षीय किशोरी अमीषा शर्मा 17 मई 2025 को अचानक लापता हो गई थी। इस घटना ने परिजनों और स्थानीय समुदाय को चिंता में डाल दिया था। परिजनों के बयान के अनुसार, पड़ोस का रहने वाला एक युवक, विवेक धोबी, कथित तौर पर किशोरी को बहला-फुसलाकर नेपाल ले गया था। इस मामले ने स्थानीय स्तर पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया था।

वक्त का मुद्दा न्यूज़ की पत्रकारिता का योगदान

वक्त का मुद्दा न्यूज़ ने इस मामले को लगातार प्रमुखता दी और किशोरी के परिजनों की आवाज को समाज व प्रशासन तक पहुंचाया। चैनल की विशेष खोजी रिपोर्ट और जनदबाव ने प्रशासन को त्वरित कार्रवाई के लिए प्रेरित किया। इस पत्रकारिता ने न केवल मामले को उजागर किया, बल्कि पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद भी दिलाई।

पुलिस प्रशासन और गोरखनाथ मंदिर की सक्रिय भूमिका

लापता किशोरी की तलाश में पुलिस प्रशासन ने त्वरित और साहसिक कदम उठाए। कोठीभार थाने के एक विशेष पुलिस दल को नेपाल पुलिस से जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू की और किशोरी को सकुशल बरामद करने में सफलता हासिल की। इस ऑपरेशन में गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन ने भी महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया। मंदिर के माध्यम से शासन तक पहुंचाए गए प्रार्थना पत्रों ने मामले को गंभीरता से लेने में मदद की।

परिजनों का आभार और प्रशासन की कार्रवाई

किशोरी की सकुशल वापसी पर परिजनों ने गोरखनाथ मंदिर, पुलिस प्रशासन और वक्त का मुद्दा न्यूज़ के प्रति आभार व्यक्त किया। 

उन्होंने कहा कि हमारी बेटी की वापसी ईश्वर की कृपा, पुलिस की मेहनत और न्यूज़ चैनल की आवाज का नतीजा है। 

पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू हो चुकी है। साथ ही, 30 जून 2025 से किशोरी का मेडिकल परीक्षण और काउंसलिंग शुरू कर दी गई है।

सामाजिक सहयोग का उदाहरण है पुलिस मीडिया और प्रसाशन

यह घटना दर्शाती है कि जब पुलिस, मीडिया और सामाजिक संस्थाएं एकजुट होकर काम करती हैं, तो न्याय और सुरक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम संभव हैं। यह मामला प्रशासन के लिए एक मिसाल है कि संवेदनशील मुद्दों पर त्वरित और गंभीर कार्रवाई से समाज में विश्वास बढ़ता है। वक्त का मुद्दा न्यूज़ ने भविष्य में भी ऐसी सामाजिक पत्रकारिता को जारी रखने का संकल्प दोहराया है, जो पीड़ितों की आवाज को शासन तक पहुँचाने का काम करता है।

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