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O.P Rajbhar का तीखा तंज: सत्ता का दरवाज़ा है सुभासपा, Akhilesh Yadav दिन-रात सपना देखते रह जाएंगे

O.P. Rajbhar Akhilesh Yadav Political Jibe

O.P Rajbhar  का तीखा तंज: सत्ता का दरवाज़ा है सुभासपा, Akhilesh Yadav  दिन-रात सपना देखते रह जाएंगे

(ब्यूरो चीफ सुनील कुमार त्रिपाठी)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर तल्खी बढ़ गई है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा तंज कसा है।

उन्होंने X पर बयान जारी करते हुए कहा कि सुभासपा सत्ता का दरवाज़ा है, और अखिलेश यादव इसी दरवाज़े से सत्ता में आने के लिए बेताब हैं। लेकिन जब तक एनडीए और सुभासपा इस दरवाज़े पर डटे हैं, तब तक सपा को सत्ता की कुर्सी नसीब नहीं होगी।

सपा पर व्यंग्य

ओपी राजभर ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अखिलेश यादव दिन-रात यही सपना देखते हैं कि अगर एनडीए के साथ खड़े सभी "असली PDA" वाले उनके साथ आ जाएं, तो शायद सत्ता हासिल हो जाए। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि सत्ता अभी सपा से कोसों दूर है और यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहेगी।

PDA पर तंज

विपक्षी गठबंधन INDIA द्वारा प्रचारित PDA (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) समीकरण पर कटाक्ष करते हुए राजभर ने कहा कि असली PDA तो एनडीए के साथ है। उन्होंने सपा के PDA को महज़ एक छलावा करार दिया, जिसे जनता समझ चुकी है।

गठबंधन की सियासत में तल्खी

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब 2027 के विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश में गठबंधन की सियासत गरमा रही है। ओपी राजभर का यह बयान न केवल अखिलेश यादव के नेतृत्व पर सीधा हमला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह एनडीए में अपनी भूमिका को किंगमेकर के रूप में पेश कर रहे हैं।

राजभर की बयानबाज़ी

ओम प्रकाश राजभर अपने तीखे और बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। पहले भी वह कई बार सपा और कांग्रेस पर निशाना साध चुके हैं। 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा और सुभासपा का गठबंधन था, लेकिन बाद में दोनों दलों के रास्ते अलग हो गए। अब योगी सरकार में मंत्री के रूप में राजभर पूरी तरह एनडीए के साथ हैं और अपने बयानों से सत्ता में अपनी अहमियत को और मजबूत करने की रणनीति अपना रहे हैं।

ओपी राजभर का यह बयान उत्तर प्रदेश की सियासत में नई हलचल पैदा कर सकता है। सुभासपा की भूमिका और एनडीए के साथ उनकी मजबूत स्थिति को देखते हुए यह बयान सपा के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। आने वाले दिनों में यह सियासी बयानबाज़ी और तेज होने की संभावना है।

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