Dehradun में ‘All India ऑयल सेक्टर मीट’ का भव्य आयोजन, CM धामी ने ऊर्जा क्षेत्र को बताया Bharat की आर्थिक रीढ़
(राष्ट्रीय मुख्य ब्यूरो चीफ अभय कुमार सिंह)
देहरादून
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ऑल इंडिया ऑयल सेक्टर मीट का आयोजन एक प्रभावशाली और दूरगामी विचार-विमर्श का साक्षी बना। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लेकर ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और विभिन्न तेल एवं प्राकृतिक गैस कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ऊर्जा क्षेत्र की प्रासंगिकता और राष्ट्रीय विकास में इसके महत्वपूर्ण योगदान पर विस्तार से अपने विचार साझा किए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि तेल एवं प्राकृतिक गैस क्षेत्र किसी भी राष्ट्र की आर्थिक नींव होता है। यह केवल एक सेक्टर नहीं, बल्कि औद्योगिक विकास, परिवहन, कृषि और रोजमर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने वाली वह शक्ति है, जो देश को गतिशील बनाती है।
उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की प्रतिष्ठित कंपनी ओएनजीसी (ONGC) की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान दशकों से भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है और वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का जो सपना देखा गया है, वह अब एक साझा संकल्प बन चुका है।
ऊर्जा सुरक्षा के संदर्भ में उन्होंने बताया कि देश में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार की स्थापना एक दूरदर्शी कदम है, जो भारत को आने वाले समय में ऊर्जा संकटों से सुरक्षित रखने की दिशा में एक ठोस पहल है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देशभर से आए ऊर्जा विशेषज्ञों और तेल कंपनियों के प्रतिनिधियों को उत्तराखंड में ऊर्जा निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि राज्य सरकार निवेश के लिए सभी आवश्यक सहूलियतें प्रदान करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधारों पर लगातार काम कर रही है, जिससे आने वाले वर्षों में उत्तराखंड ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी छलांग लगाएगा।
ऑल इंडिया ऑयल सेक्टर मीट ने न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियों और संभावनाओं पर संवाद का अवसर दिया, बल्कि एक समावेशी ऊर्जा भविष्य की दिशा में नीति व नवाचार के नए रास्ते भी सुझाए। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने भारत की ऊर्जा जरूरतों, भविष्य की रणनीतियों, स्वदेशी तकनीकों और वैश्विक सहयोग पर विस्तार से विचार साझा किए।
यह आयोजन भारत को ऊर्जा समृद्ध, आत्मनिर्भर और टिकाऊ विकास की दिशा में प्रेरित करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
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