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ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल रही है: कनेक्टिविटी भी, गरिमा भी - Shivraj Singh Chouhan

Rural India Transformation Shivraj Singh Chouhan
ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल रही है: कनेक्टिविटी भी, गरिमा भी - Shivraj Singh Chouhan

ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल रही है: कनेक्टिविटी भी, गरिमा भी - Shivraj Singh Chouhan

(न्यूज़ चैनल संचालक ,बलराम सिंह)

भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्रामीण विकास का मतलब केवल सड़कों और पुलों से नहीं है, बल्कि गरीब के जीवन में बदलाव लाना भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने इसे एकात्म मानव दर्शन की आत्मा बताया, जिसमें व्यक्ति और समाज दोनों की समग्र उन्नति निहित है।

श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गांवों में विकास की जो गति आई है, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि-

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देशभर में 4 करोड़ से अधिक गरीबों को पक्के घर मिल चुके हैं।
  • उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ से अधिक महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन मिला है, जिससे उनकी सेहत और गरिमा दोनों को राहत मिली है।
  • हर घर जल योजना के तहत गांव-गांव में शुद्ध पेयजल की पाइप लाइनें बिछाई जा रही हैं, ताकि हर ग्रामीण परिवार को स्वच्छ पानी मिल सके।

एकात्म मानववाद की जीवंत मिसाल

श्री चौहान ने कहा कि हम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन को व्यवहार में उतार रहे हैं, जहाँ अंतिम व्यक्ति की चिंता सबसे पहले की जाती है।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब सरकार केवल 'बजट' या 'योजनाएं' नहीं बना रही, बल्कि गांव के हर गरीब को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन देने के लिए काम कर रही है।

कनेक्टिविटी जरूरी है सड़क, इंटरनेट, मोबाइल टावर, लेकिन उससे भी जरूरी है कि उस सड़क से गुजरने वाले गरीब के पास अपना घर हो, गैस चूल्हा हो, पीने का पानी हो और आत्मविश्वास हो - शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश का उदाहरण देश के सामने

श्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में रहते हुए उन्होंने स्वयं इन योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाया और देखा कि कैसे एक पक्का घर किसी परिवार की जिंदगी बदल देता है।

उन्होंने यह भी कहा कि आगामी समय में भाजपा की प्राथमिकता रहेगी कि-

  • कोई परिवार बिना बिजली-पानी के न रहे
  • गांवों में डिजिटल सेवाएं और स्वास्थ्य सुविधाएं भी तेजी से बढ़ाई जाएं
  • स्थानीय युवाओं को गांव में ही रोजगार मिले

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