उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के पुस्तकालय में 441वां युगऋषि वाङ्मय स्थापित
ब्यूरो रिपोर्ट: सुनील त्रिपाठी - वक्त का मुद्दा न्यूज़
लखनऊ: उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के सन्दर्भ पुस्तकालय में गायत्री ज्ञान मंदिर, इंदिरा नगर द्वारा चलाए जा रहे विचार क्रांति ज्ञान यज्ञ अभियान के अंतर्गत एक प्रेरणादायी कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 441वां वाङ्मय संग्रह स्थापित किया गया। यह आयोजन आत्मविभूतियों के जीवन मूल्यों को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में एक सराहनीय पहल के रूप में देखा जा रहा है।
उक्त साहित्य को गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्ता एम०के० निरंजन (पुत्र) एवं अर्चना निरंजन (पुत्रवधू) ने अपने दिवंगत माता-पिता स्व. श्रीमती मिथिलेश निरंजन एवं स्व. माता प्रसाद निरंजन की पुण्य स्मृति में भेंट किया।
इस दौरान उपस्थितजनों को ‘अखण्ड ज्योति’ हिन्दी मासिक पत्रिका की प्रति भी वितरित की गई, जो आत्मविकास व समाज निर्माण के विचारों से ओतप्रोत है।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक श्री उमानन्द शर्मा ने वाङ्मय स्थापना के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “ज्ञानदान सर्वश्रेष्ठ दान है। यही समाज को दिशा देता है और व्यक्ति को आत्मबोध की ओर ले जाता है।” उन्होंने इस अभियान को देशभर में एक नई चेतना के रूप में फैलाने का आह्वान किया।
इस शुभ अवसर पर स्वयं उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें युगऋषि का दिव्य साहित्य प्राप्त हुआ। यह साहित्य केवल पढ़ने के लिए नहीं, अपितु जीवन को दिशा देने के लिए है। मैं गायत्री परिवार एवं निरंजन परिवार का हृदय से आभार प्रकट करता हूं।
कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराने वालों में प्रमुख रूप से श्री एम०के० निरंजन, श्रीमती अर्चना निरंजन, श्री उमानंद शर्मा, श्रीमती सावित्री शर्मा, श्री वी०के० श्रीवास्तव, श्री देवेन्द्र सिंह, डॉ० नीलम गुप्ता, श्रीमती उषा सिंह, श्रीमती कमला सक्सेना सहित कई गणमान्य व्यक्ति एवं श्रद्धालु शामिल रहे।
कार्यक्रम के दौरान सभी ने युगऋषि के साहित्य को समाज में फैलाने एवं नैतिक चेतना को जागृत करने के संकल्प के साथ अभियान को आगे बढ़ाने का दृढ़ संकल्प लिया।
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