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Chaitra Shukla Pratipada Vikram Samvat 2082: हिंदू नववर्ष पर राष्ट्रभक्ति की गूंज

Chaitra Shukla Pratipada Vikram Samvat 2082
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2082 हिंदू नववर्ष पर राष्ट्रभक्ति की गूंज

Chaitra Shukla Pratipada Vikram Samvat 2082: हिंदू नववर्ष पर राष्ट्रभक्ति की गूंज

(ब्यूरो चीफ अभय कुमार सिंह)

प्रयागराज: भारतीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के संकल्प के साथ भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2082 के पावन अवसर पर हिंदू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां दीं। इस अवसर पर उन्होंने समाज को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने और इस दिन को हर्षोल्लास के साथ मनाने की अपील की।

नवसंवत्सर: भारतीय संस्कृति का गौरवशाली प्रतीक

सरदार पतविंदर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारतीय संस्कृति के नवउत्साह, नई ऊर्जा और नवप्रेरणा का पर्व है। यह दिन भगवान ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना का प्रतीक माना जाता है और इसी दिन से नया संवत्सर प्रारंभ होता है। उन्होंने कहा कि समाज के हर व्यक्ति को इस दिन को गर्व और सम्मान के साथ मनाना चाहिए और अपने सनातन मूल्यों को पुनः जाग्रत करना चाहिए।

परंपराओं को जीवंत बनाने की अपील

उन्होंने सभी राष्ट्रभक्त नागरिकों से आग्रह किया कि नववर्ष को विशेष बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कार्य अवश्य करें:

  • भगवा या पीले वस्त्र धारण करें ताकि हमारी संस्कृति की झलक दिखे।
  • मस्तिष्क पर तिलक लगाएं और धर्म एवं परंपरा के प्रति अपनी आस्था प्रकट करें।
  • घर पर मिष्ठान्न बनाकर परिवार और मित्रों संग उत्सव मनाएं।
  • घर की छत पर भगवा ध्वज फहराएं, जो हमारी सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है।
  • रात्रि को दीप जलाकर वातावरण को प्रकाशमय बनाएं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।
  • घर के द्वार को फूलों और पत्तों के तोरण से सजाएं एवं रंगोली बनाकर घर को सुंदर बनाएं।
  • कम से कम 11 लोगों को मिलकर या फोन के माध्यम से नववर्ष की शुभकामनाएं दें और उन्हें भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।

राष्ट्रभक्ति और सामाजिक समरसता का संदेश

इस अवसर पर उपस्थित राष्ट्रभक्तों ने समाज में भारतीय संस्कृति को पुनः जागरूक करने और नववर्ष को भव्य रूप से मनाने का संकल्प लिया। इस आयोजन में सत्यम होंडा, हरमनजीत सिंह, दलजीत कौर सहित कई राष्ट्रप्रेमी स्वयंसेवक उपस्थित रहे, जिन्होंने पूरे जोश और उत्साह के साथ इस पर्व को मनाने का आग्रह किया।

सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि नवसंवत्सर केवल एक तिथि नहीं, बल्कि हमारे गौरवशाली अतीत, संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रतीक है। यह हमें हमारी संस्कारिक जड़ों से जोड़ता है और हमें एक सशक्त, संगठित एवं राष्ट्रप्रेमी समाज की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

नववर्ष के उल्लास से गूंज उठा प्रयागराज

इस आयोजन के दौरान पूरे प्रयागराज में नवसंवत्सर की धूम रही। घर-घर में दीप प्रज्वलित किए गए, भगवा ध्वज लहराए गए, और पूरे समाज में हर्ष, उल्लास एवं राष्ट्रभक्ति का वातावरण देखने को मिला।

सरदार पतविंदर सिंह ने अंत में सभी को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2082 की मंगलकामनाएं देते हुए आग्रह किया कि सभी भारतीय इस गौरवशाली परंपरा को जीवंत बनाए रखें और पूरे जोश और श्रद्धा के साथ नववर्ष मनाएं।

हिंदू नववर्ष की जय!

सनातन संस्कृति अमर रहे!

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