(रिपोर्ट: सुनील त्रिपाठी, कुंडा, प्रतापगढ़)
कुंडा, प्रतापगढ़: सामाजिक समरसता और परोपकार की मिसाल कायम करते हुए राजा भइया यूथ ब्रिगेड एवं योगीराज देवरहा बाबा चैरिटेबल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वाधान में कुंडा के बजरंग डिग्री कॉलेज में भव्य सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में 101 कन्याओं का विवाह वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कुंडा विधायक कुंवर रघुराज प्रताप सिंह 'राजा भइया' स्वयं उपस्थित रहे और वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया।उनके साथ एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह 'गोपाल जी', प्रदेश अध्यक्ष एवं बाबागंज विधायक विनोद सरोज, राष्ट्रीय महासचिव डॉ. कैलाश नाथ ओझा, जिला पंचायत अध्यक्ष माधुरी कुलदीप पटेल समेत अन्य गणमान्य अतिथि भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
कुंडा में उमड़ा जनसैलाब, बैंड-बाजे के साथ निकली भव्य बारात
सोमवार की सुबह से ही पूरे नगर में उत्सव का माहौल था। वर पक्ष के लोग टीपी इंटर कॉलेज और कन्या पक्ष के लोग रानी गिरिजा डिग्री कॉलेज में एकत्र हुए। शाम 7 बजे, जब 101 दूल्हों की भव्य बारात टीपी इंटर कॉलेज से निकली, तो पूरे कुंडा नगर में हर्षोल्लास की लहर दौड़ गई। हाथी-घोड़े, बैंड-बाजे और डीजे की धुनों पर लोग झूमते नजर आए। आतिशबाजी से पूरा नगर जगमगा उठा।
बजरंग डिग्री कॉलेज के मुख्य द्वार पर राजा भइया, एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह, विधायक विनोद सरोज, पूर्व सांसद शैलेन्द्र कुमार, डॉ. केएन ओझा और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने दूल्हों का माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। इसके बाद, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ द्वारचार की रस्म पूरी कराई गई। विवाह मंडप में कन्यादान और सप्तपदी की रस्मों के साथ विवाह संपन्न हुआ।
नवविवाहितों को गृहस्थी का पूरा सामान भेंट
राजा भइया यूथ ब्रिगेड द्वारा नवविवाहित जोड़ों को साइकिल, बेड, एलईडी टीवी, मेज, आलमारी, ड्रेसिंग टेबल, इलेक्ट्रिक लालटेन, फाइबर कुर्सी, फाइबर मेज, सूटकेस, बिस्तर बॉक्स, बड़ा पंखा, रामायण गुटका और ज्वेलरी सहित 75 प्रकार के उपहार दिए गए, ताकि वे अपने नए जीवन की शुरुआत सुखद तरीके से कर सकें।
कार्यक्रम में महिला यूथ ब्रिगेड की शांति मौर्या, अन्नू सिंह, गायत्री, पुष्पा और गुड़िया ने कन्याओं को संवारने एवं उनकी रस्मों को संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
समाज के सभी वर्गों की भागीदारी, 16 जातियों के जोड़े बने जीवनसाथी
इस आयोजन ने समाज के सभी वर्गों को एक मंच पर लाने का कार्य किया। विवाह में निर्मल, पटेल, सरोज, गौतम, पाल, नाई, धुरिया, प्रजापति, सोनकर, यादव, मौर्या, विश्वकर्मा, दर्जी, गुप्ता, निषाद, पथरकथ सहित 16 जातियों के युवक-युवतियों ने सात फेरे लिए। इसके अलावा, एक जोड़े का निकाह भी संपन्न कराया गया, जिससे आयोजन की सर्वसमावेशिता और अधिक बढ़ गई।
भोजन व्यवस्था के लिए की गई विशेष तैयारियां
कार्यक्रम में आए हजारों बारातियों के लिए चार सेक्टरों में भोजन व्यवस्था की गई थी। इसकी जिम्मेदारी प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं पंचायत प्रतिनिधियों को दी गई, जिसमें संतोष सिंह, बबलू सिंह बछरौली, रमेश सरोज, हितेश प्रताप सिंह, प्रफुल्ल सिंह डब्बू, शुशील देवी, राम चंद्र सरोज, मालती देवी, राम यश सरोज, अनुभव यादव सहित कई अन्य लोगों ने सहयोग किया।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस बल रहा मुस्तैद
कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए स्थानीय पुलिस बल के साथ कई थानों की फोर्स और पीएसी के जवानों की तैनाती की गई थी। सुरक्षा व्यवस्था का नेतृत्व कुंडा कोतवाल सत्येंद्र सिंह ने किया। कस्बे के सभी चौराहों और विवाह स्थल पर पुलिस बल तैनात रहा, जिससे कोई अप्रिय घटना न हो।
भक्ति भाव से सराबोर हुआ विवाह समारोह
श्रीधाम वृंदावन से आए कलाकारों ने हनुमान जी, राधा, पार्वती, शंकर जी, कृष्ण, राम-सीता की झांकियां प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही, बनारस की सुप्रसिद्ध गायिका सेजल ठाकुर ने संस्कृत विवाह गीतों की प्रस्तुति देकर माहौल को भावपूर्ण बना दिया।
राजा भइया का संदेश: हर बेटी का सम्मान और सुरक्षित भविष्य हमारी प्राथमिकता
राजा भइया ने कहा,
यह आयोजन सिर्फ विवाह का कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और परोपकार का उदाहरण है। गरीब और जरूरतमंद परिवारों की बेटियों के विवाह में सहायता करके हमें अत्यंत संतोष मिलता है। समाज के सभी वर्गों की भागीदारी से यह आयोजन सफल हुआ है, और भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सामूहिक विवाह समारोह का समापन भव्य विदाई कार्यक्रम के साथ हुआ, जहां नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देकर उनके सुखमय जीवन की कामना की गई। इस आयोजन ने समाज में भाईचारे, समानता और सेवा की भावना को और मजबूत करने का कार्य किया।
कुंडा में बसीं 101 बेटियों की नई दुनिया
राजा भइया के इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम ने एक बार फिर परोपकार और सामाजिक सेवा का आदर्श प्रस्तुत किया। यह आयोजन न केवल गरीब परिवारों के लिए राहत लेकर आया, बल्कि सामाजिक समरसता और भाईचारे का प्रतीक भी बना। इस समारोह ने यह साबित कर दिया कि जब समाज एक साथ आता है, तो हर बेटी का घर बसाना आसान हो जाता है।
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