राष्ट्र सेवा का अद्भुत संकल्प Sardar Patvinder Singh |
राष्ट्र सेवा का अद्भुत संकल्प Sardar Patvinder Singh
(ब्यूरो चीफ: अभय कुमार सिंह)
प्रयागराज, नैनी: राष्ट्र और समाजहित में जीवन समर्पित करने वाले सरदार पतविंदर सिंह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बाल्यकाल से ही देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत सरदार पतविंदर सिंह ने न केवल समाज सेवा को जीवन का उद्देश्य बनाया बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनसंख्या नियंत्रण अभियान से प्रेरित होकर विवाह का भी परित्याग कर दिया।
साइकिल से राष्ट्र सेवा की राह
सरदार पतविंदर सिंह गुरुनानक नगर, गुरुद्वारा रोड, नैनी, प्रयागराज के निवासी हैं। वे किसी भी कार्यक्रम या यात्रा के लिए हमेशा साइकिल का ही उपयोग करते हैं। भले ही समाज की ओर से उन्हें ताने सुनने पड़ते हों, लेकिन पर्यावरण संरक्षण और वायु प्रदूषण को कम करने की उनकी सोच उन्हें इस मार्ग पर अडिग रखती है।
गंगा-यमुना की निर्मलता में समर्पित बचपन से सेवा
केवल 13 वर्ष की आयु से ही माघ मेला, अर्धकुंभ और महाकुंभ के दौरान गंगा-यमुना और त्रिवेणी संगम की स्वच्छता व जन जागरूकता हेतु लगातार कार्य कर रहे हैं। उनका मिशन रहा है कि आस्था के इन पावन स्थलों को प्रदूषण मुक्त रखा जाए।
हर क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी
चाहे वह महिला सशक्तिकरण हो, दिव्यांगजन कल्याण, युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार हो, या फिर महामारी के समय लोगों में जागरूकता फैलाना हर क्षेत्र में सरदार पतविंदर सिंह की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। उन्होंने कोविड-19 के समय लगातार मास्क, सैनिटाइज़र और सामाजिक दूरी जैसे उपायों पर लोगों को जागरूक किया।
नशामुक्त भारत का सपना
उन्होंने पूरे भारतवर्ष में पूर्ण नशाबंदी लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया है। युवाओं को नशीले पदार्थों से दूर रखने के लिए उन्होंने अनेक अभियान चलाए हैं।
समाज की कुरीतियों के विरुद्ध युद्ध
बाल श्रम, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या जैसे सामाजिक अपराधों के विरुद्ध वे निरंतर जनजागरण अभियान चला रहे हैं। वे हर वर्ग के लोगों से इन कुरीतियों को जड़ से समाप्त करने का आह्वान करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण और जल बचाओ अभियान
वृक्षारोपण को जीवन का अनिवार्य अंग मानते हुए वे लगातार लोगों को पेड़ लगाने, उनकी देखभाल करने और जल संरक्षण की महत्ता समझाते रहते हैं। उनका मानना है कि यदि आज जल नहीं बचाया गया, तो भविष्य में इसके लिए विश्व युद्ध की नौबत आ सकती है।
सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक
सरदार पतविंदर सिंह ने कांवड़ यात्रियों और नमाजियों पर इत्र व पुष्पवर्षा कर उनके सम्मान में सामाजिक एकता और भाईचारे की अद्भुत मिसाल पेश की है। इससे न केवल प्रयागराज बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन हुआ है।
जनसेवा का उद्देश्य, प्रधानमंत्री से आशीर्वाद की चाह
हरियाणा के यमुनानगर निवासी राज पाल की तरह ही अब सरदार पतविंदर सिंह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और आशीर्वाद प्राप्त करने की आशा लिए प्रतीक्षा में हैं। उनका विश्वास है कि यदि सेवा सच्ची हो तो उसका सम्मान अवश्य होता है।
अपने लिए जो जीता है, वह विकृति है; और जो दूसरों के लिए जीता है, वही संस्कृति है, इस कथन को जीवन मंत्र बनाकर सरदार पतविंदर सिंह समाज सेवा की अलख जगा रहे हैं। उनका जीवन आज की पीढ़ी के लिए एक जीता-जागता उदाहरण है कि सच्ची सेवा में ही सच्चा सुख है।
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