Baba Kedarnath’s Divine Yatra: 2 मई से शुरू होगी बाबा केदार की दिव्य यात्रा
हिमालय की गोद में बसा पवित्र केदारनाथ धाम, जहां भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से भक्तों का जीवन धन्य हो जाता है, अब अपने कपाट खोलने की तैयारी में है। 2 मई, 2025 को सुबह 7 बजे, वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक परंपराओं के साथ बाबा केदार के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे। इस पावन अवसर के लिए केदारनाथ धाम को फूलों की मनमोहक सजावट से सुसज्जित किया जा रहा है, जो भक्तों के मन को आनंद और भक्ति से सराबोर कर देगा।
फूलों से सजा बाबा का धाम
केदारनाथ मंदिर को सजाने का कार्य जोर-शोर से शुरू हो चुका है। मंदिर के चारों ओर रंग-बिरंगे फूलों की मालाएँ, गेंदे, गुलाब और स्थानीय पुष्पों से सजावट की जा रही है। यह नजारा ऐसा है मानो प्रकृति स्वयं बाबा के स्वागत के लिए अपनी सबसे सुंदर कृति अर्पित कर रही हो।
मंदिर समिति और स्थानीय कार्यकर्ता दिन-रात इस कार्य में जुटे हैं ताकि कपाट खुलने के दिन धाम भक्तों के लिए एक स्वर्गिक अनुभव बन जाए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सजावट का एक मनोरम वीडियो साझा किया, जिसमें धाम की सुंदरता और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
बाबा केदार की पंचमुखी डोली यात्रा
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है बाबा केदार की पंचमुखी विग्रह डोली की यात्रा। यह पवित्र डोली आज, 28 अप्रैल, 2025 को ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी। इस यात्रा की शुरुआत 27 अप्रैल को भैरवनाथ जी की पूजा-अर्चना के साथ हुई, जिसमें वेदपाठियों ने मंत्रोच्चार के साथ धार्मिक परंपराओं का पालन किया।
डोली यात्रा कई पड़ावों से होकर गुजरेगी
- 28 अप्रैल: डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी।
- 29 अप्रैल: फाटा में विश्राम।
- 30 अप्रैल: गौरीकुंड में रात्रि विश्राम।
- 1 मई: डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी।
- 2 मई: सुबह 7 बजे कपाट खुलने के साथ बाबा केदार भक्तों को दर्शन देंगे।
यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह भक्तों के लिए भी एक भावनात्मक अनुभव है। डोली के साथ चलते हुए श्रद्धालु "हर हर महादेव" और "जय बाबा केदार" के जयघोष के साथ अपनी भक्ति प्रकट करते हैं।
चार धाम यात्रा: उत्तराखंड की तैयारियां
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा भी 30 अप्रैल से शुरू होगी। इस यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल हैं। उत्तराखंड सरकार और बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) इस यात्रा को सुगम, सुरक्षित और अविस्मरणीय बनाने के लिए व्यापक तैयारियां कर रही हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,
चार धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए उत्तराखंड तैयार है। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक श्रद्धालु उत्तराखंड से एक सुखद और आध्यात्मिक अनुभव लेकर जाए। यात्रा को सफल बनाने के लिए सभी व्यवस्थाएं पुख्ता की गई हैं।
सीएम धामी ने रविवार को देहरादून में मुख्य सेवक भंडारा के लिए सेवादारों की टीम को रवाना किया। इस भंडारे के तहत चार धाम यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष ध्यान
चार धाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। इस बार यात्रा मार्ग पर लगभग 50 हेल्थ एटीएम स्थापित किए गए हैं, जहां तीर्थयात्री 70 से अधिक प्रकार की स्वास्थ्य जांच करा सकेंगे।
ये हेल्थ एटीएम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सहायक होंगे। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती भी की गई है ताकि श्रद्धालुओं को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो।
यात्रा की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता
केदारनाथ धाम, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक और पंच केदार का हिस्सा है, न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर भी है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों के पौत्र महाराजा जन्मेजय ने कराया था, और इसका जीर्णोद्धार आदि शंकराचार्य ने किया था।
चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती है। यह यात्रा यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री, केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ में समाप्त होती है। इस यात्रा को दक्षिणावर्त दिशा में पूरा करने की परंपरा है, जो आध्यात्मिक शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का प्रतीक मानी जाती है।
श्रद्धालुओं के लिए सुझाव
- पंजीकरण: चार धाम यात्रा के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीकरण अनिवार्य है। उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर आधार कार्ड, फोटो और अन्य विवरण अपलोड कर पंजीकरण कराएं।
- स्वास्थ्य जांच: ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले अपनी स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं।
- मौसम की जानकारी: हिमालयी क्षेत्र में मौसम अचानक बदल सकता है। यात्रा से पहले मौसम पूर्वानुमान की जांच करें।
- आवास और भोजन: यात्रा मार्ग पर होटल और भोजन की व्यवस्था पहले से बुक कर लें।
केदारनाथ धाम का कपाट खुलना केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि लाखों भक्तों की आस्था और भक्ति का उत्सव है। फूलों से सजा धाम, बाबा केदार की पंचमुखी डोली, और चार धाम यात्रा की तैयारियां इस पवित्र यात्रा को और भी खास बनाती हैं।
उत्तराखंड सरकार और मंदिर समिति की मेहनत से यह यात्रा न केवल सुगम होगी, बल्कि हर भक्त के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव भी बनेगी। तो आइए, 2 मई से शुरू होने वाली इस दिव्य यात्रा का हिस्सा बनें और बाबा केदार के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें। हर हर महादेव!
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