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1984 Sikh Riots: सरदार पतविंदर सिंह की यूपी सरकार से मृतक आश्रितों को नौकरी देने की अपील

1984 Sikh Riots Victims Families Jobs Appeal
1984 Sikh Riots Victims Families Jobs Appeal

1984 Sikh Riots: सरदार पतविंदर सिंह की यूपी सरकार से मृतक आश्रितों को नौकरी देने की अपील

(मुख्य ब्यूरो चीफ: अभय कुमार सिंह )

प्रयागराज: 1984 के सिख विरोधी दंगे भारतीय इतिहास में एक ऐसा काला अध्याय हैं, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस दर्दनाक घटना में हजारों निर्दोष सिखों को जान गंवानी पड़ी और आज भी उनके परिवार न्याय और सम्मान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 

अब भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सरदार पतविंदर सिंह ने इस मुद्दे को एक बार फिर प्रमुखता से उठाया है।

दिल्ली सरकार की पहल को बताया ऐतिहासिक

प्रयागराज में आयोजित एक विशेष बैठक में सरदार पतविंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा 1984 सिख दंगा पीड़ित परिवारों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने का निर्णय न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यह उन घावों पर मरहम रखने जैसा है जो चार दशक से अब तक हरे हैं।

उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल न्याय की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह उन सिख परिवारों को आत्म-सम्मान लौटाने की पहल है, जो वर्षों से उपेक्षा और दर्द सहते आ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार से की समान पहल की मांग

सरदार पतविंदर सिंह ने अपील की कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी दिल्ली सरकार की तरह पीड़ित परिवारों के मृतक आश्रितों को सरकारी नौकरी देने की पहल करे। उन्होंने कहा यह सिर्फ एक नौकरी का मामला नहीं है, यह उन परिवारों के पुनर्वास, आत्मबल और सामाजिक न्याय का प्रश्न है।

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि इस विषय को प्राथमिकता दी जाए और वर्षों से पीड़ा झेल रहे सिख परिवारों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर दिया जाए।

सिख नेताओं ने एकजुट होकर जताई मांग

इस बैठक में कई प्रमुख सिख समाजसेवियों और नेताओं ने भाग लिया और इस मांग का समर्थन किया। इनमें लखविंदर सिंह, परमजीत सिंह बग्गा, गुरुदीप सिंह सरना, कुलदीप सिंह खालसा, मनु सिंह चावला और परमिंदर सिंह बंटी शामिल रहे।

सभी वक्ताओं ने एकजुट होकर मांग की कि यूपी सरकार को तुरंत एक समिति गठित कर पीड़ित परिवारों की पहचान कर नियोजन प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।

देर से ही सही लेकिन न्याय होना चाहिए

बैठक के अंत में सरदार पतविंदर सिंह ने भावुक होकर कहा कि 1984 की त्रासदी को भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन यदि आज भी हम पीड़ितों को न्याय और सम्मान दें, तो इतिहास को कुछ हद तक सुधारा जा सकता है। देर से ही सही, लेकिन न्याय होना चाहिए।

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