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Manikpur Police Station Case: पीड़ित पति को मिल रही जान से मारने की धमकी, अब तक नहीं हुई एफआईआर

Manikpur Police Station Case: Victim Receives Death Threats, FIR Still Not Registered
Manikpur Police Station Case: पीड़ित पति को मिल रही जान से मारने की धमकी

Manikpur Police Station Case: पीड़ित को जान से मारने की धमकियाँ, FIR अब तक नहीं दर्ज

(ब्यूरो रिपोर्ट: सुनील कुमार त्रिपाठी-प्रतापगढ़)

प्रतापगढ़- उत्तर प्रदेश: प्रतापगढ़ जिले के मानिकपुर थाना क्षेत्र में गढ़ी मानिकपुर के पूरे झाऊलाल का पुरवा निवासी दिलीप प्रजापति ने अपनी पत्नी प्राची और उनके कथित प्रेमी मृदुल यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 

दिलीप का दावा है कि दोनों मिलकर उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं, और पुलिस की निष्क्रियता के कारण उनकी जान को खतरा बढ़ता जा रहा है।

शादी के बाद शुरू हुआ विवाद

दिलीप प्रजापति की शादी 7 मई 2017 को प्राची से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही उन्हें प्राची के अन्य व्यक्तियों के साथ अवैध संबंधों की जानकारी मिली। इसकी शिकायत उन्होंने प्राची के परिवार से की, जिन्होंने माफी माँगकर मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया।

समझौते के बाद प्राची को वापस घर लाया गया, लेकिन उनके व्यवहार में सुधार नहीं हुआ।
दिलीप के अनुसार, प्राची ने पहले कुण्डा थाना क्षेत्र के दिलेरगंज निवासी शिव मौर्य के साथ संबंध बनाए। 

अब वह पड़ोस में रहने वाले मृदुल यादव के साथ नजदीकियाँ बढ़ा रही हैं। दिलीप का कहना है कि मृदुल ने प्राची को मोबाइल और सिम कार्ड प्रदान किया, जिसके जरिए दोनों लगातार संपर्क में रहते हैं।

धमकियाँ और हमले का डर

दिलीप ने आरोप लगाया कि प्राची और मृदुल मिलकर उनकी हत्या की योजना बना रहे हैं। उन्हें बार-बार जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं, और एक बार उन पर हमला भी हो चुका है। 

उन्होंने इसकी शिकायत मानिकपुर थाने में की, लेकिन उनकी प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं हुई। दिलीप ने प्रतাপगढ़ के पुलिस अधीक्षक से भी संपर्क किया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दिलीप ने बताया कि मृदुल यादव खुलेआम धमकी दे रहा है कि पुलिस में नौकरी लगने के बाद वह दिलीप को सबक सिखाएगा। इससे दिलीप और उनके परिवार को गंभीर खतरा महसूस हो रहा है। 

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उन्हें या उनके परिवार को कुछ होता है, तो इसके लिए प्राची और मृदुल जिम्मेदार होंगे।

पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल

इस मामले में मानिकपुर पुलिस की उदासीनता से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बार-बार शिकायत के बावजूद न तो FIR दर्ज की गई और न ही पीड़ित को कोई सुरक्षा प्रदान की गई। यह स्थिति न केवल दिलीप की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि अपराधियों के हौसले को भी बढ़ा रही है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई नहीं करती, तो यह मामला किसी बड़ी अनहोनी में बदल सकता है। यह घटना प्रशासन की जवाबदेही और आम नागरिकों के कानून पर भरोसे को भी कटघरे में खड़ा करती है।

त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता

दिलीप प्रजापति का मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत शिकायत नहीं, बल्कि पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई न होने से आम नागरिकों का विश्वास कम हो रहा है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई और पीड़ित को सुरक्षा प्रदान करना बेहद जरूरी है।

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