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साथी को बचाकर शहीद हुए शशांक, अयोध्या में बनेगा स्मारक

Shashank was martyred while saving his comrade
साथी को बचाकर शहीद हुए शशांक

साथी को बचाकर शहीद हुए शशांक, अयोध्या में बनेगा स्मारक

(अयोध्या संवाददाता पवन कुमार)

अयोध्या-गंगटोक: देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले अयोध्या के वीर सपूत लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की वीरगाथा अब हर देशवासी की जुबां पर होगी। 

सिक्किम में अपने साथी अग्निवीर स्टीफन की जान बचाते हुए नदी में छलांग लगाने वाले शशांक तिवारी शहीद हो गए थे। उनका शव हादसे के करीब 800 मीटर नीचे बरामद हुआ। वे सिक्किम स्काउट्स की वन बटालियन में तैनात थे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अद्वितीय साहस और बलिदान को नमन करते हुए अयोध्या में लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की स्मृति में एक भव्य स्मारक निर्माण की घोषणा की है। यह स्मारक आने वाली पीढ़ियों को शौर्य, सेवा और समर्पण का संदेश देगा।

साथी की जान बचाई, खुद शहीद हो गए

घटना के अनुसार, सिक्किम के एक दुर्गम क्षेत्र में स्थित झरने के पास लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी और अग्निवीर स्टीफन मौजूद थे। 

अचानक स्टीफन फिसलकर पानी में गिर पड़े। बिना किसी झिझक के शशांक ने साथी की जान बचाने के लिए जान की परवाह किए बिना नदी में छलांग लगा दी। उन्होंने स्टीफन को सुरक्षित बाहर निकाल दिया, लेकिन खुद तेज बहाव में बह गए।

800 मीटर दूर मिला वीर का पार्थिव शरीर

सेना और स्थानीय प्रशासन ने व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया। कई घंटे की मशक्कत के बाद उनका पार्थिव शरीर घटना स्थल से करीब 800 मीटर दूर मिला। इस ह्रदयविदारक हादसे से न केवल सेना बल्कि पूरे देश में शोक की लहर है।

अयोध्या में बनेगा स्मारक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने जो साहस और कर्तव्यपरायणता दिखाई है, वह अनुकरणीय है। अयोध्या में बनने वाला स्मारक न केवल उनके बलिदान की याद दिलाएगा, बल्कि यह युवाओं को देशसेवा की प्रेरणा भी देगा।

परिवार को मिला देशभर से समर्थन

शशांक के बलिदान के बाद उनके परिवार को देशभर से श्रद्धांजलि और समर्थन मिल रहा है। रक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जा रही है।

लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी जैसे वीर सपूतों की वजह से ही भारत का मस्तक गर्व से ऊँचा है। उनके बलिदान को हम सब कभी नहीं भूलेंगे।

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