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जाको काम उसी को साजे, और करे तो डंडा बाजे: Akhilesh Yadav के बयान पर O.P. Rajbhar का तीखा पलटवार

O.P. Rajbhar Akhilesh Yadav Statement
Akhilesh Yadav के बयान पर O.P. Rajbhar का तीखा पलटवार

जाको काम उसी को साजे, और करे तो डंडा बाजे: Akhilesh Yadav के बयान पर O.P. Rajbhar का तीखा पलटवार

(न्यूज़ चैनल संचालक बलराम सिंह)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया बयान पर सुभासपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार में सहयोगी ओमप्रकाश राजभर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राजभर ने कहा कि जिसका जो पारंपरिक कार्य है, वही उसे करना चाहिए। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे श्रीराम कथा कहना ब्राह्मणों का कार्य है, तो वही करें, तो उचित रहेगा।

अखिलेश यादव ने हाल ही में एक सार्वजनिक सभा में कथित तौर पर यह कहा था कि अब हर वर्ग को बराबरी का हक मिलना चाहिए, हर कोई रामकथा कर सकता है और समाज में कोई भी कार्य किसी विशेष जाति तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।

राजभर ने पलटवार करते हुए कहा कि धर्म और परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं। किसी के कहने से ये बदल नहीं जातीं। जैसे पंडित पूजा-पाठ करता है, लोहार लोहे का काम करता है, बढ़ई लकड़ी का काम करता है वैसे ही अगर हर कोई अपनी पारंपरिक जिम्मेदारियों का पालन करे तो समाज में समरसता बनी रहेगी। ब्राह्मणों को उनके कार्य से दूर करने की बात करना सामाजिक संतुलन को बिगाड़ने जैसा है।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि राजनीति में समाज के हर वर्ग को भागीदारी मिलनी चाहिए, लेकिन सांस्कृतिक और धार्मिक कामों में अनावश्यक हस्तक्षेप ठीक नहीं है। श्रीराम कथा जैसे पवित्र कार्य की गरिमा बनी रहनी चाहिए और इसे उसी वर्ग द्वारा किया जाना चाहिए, जिसने पीढ़ियों से इसे निभाया है।

राजभर के इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक विपक्ष के खिलाफ एक नई रणनीति के रूप में देख रहे हैं, खासकर उस समय जब उत्तर प्रदेश में सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी की ओर से इस पर फिलहाल कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

कुल मिलाकर, अखिलेश यादव और ओपी राजभर के बीच जुबानी जंग से साफ है कि यूपी की राजनीति में विचारधाराओं का टकराव अभी और तेज़ हो सकता है। चुनाव से पहले इस तरह की बयानबाज़ी राज्य की सियासी दिशा को प्रभावित कर सकती है।

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