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जोबनेर में गोचर भूमि पर कब्जे को लेकर उबाल, Protest Against Encroachment by Villagers
(रिपोर्टर नरेन्द्र)
जयपुर जिले के जोबनेर क्षेत्र में गोचर भूमि पर बढ़ते अवैध कब्जों के विरोध में ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा है। भराव क्षेत्र में लंबे समय से हो रहे अतिक्रमण को लेकर अब ग्रामीणों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। शनिवार सुबह से ही सैकड़ों ग्रामीणों ने गोचर भूमि के पास धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया और उपखंड प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
ग्रामीणों का कहना है कि गोचर भूमि, जो कि ग्रामवासियों की सामूहिक संपत्ति मानी जाती है और जिसका उपयोग पारंपरिक रूप से पशुओं के चारे के लिए किया जाता है, उस पर पिछले कुछ समय से भू-माफिया और कुछ प्रभावशाली तत्वों द्वारा कब्जा किया जा रहा है।
प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार शिकायत देने के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई, जिससे लोगों में भारी असंतोष है।
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक उदासीनता और राजनीतिक संरक्षण के चलते अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं।
गोचर भूमि पर पक्के निर्माण हो रहे हैं, जिससे गांव की पारंपरिक चरागाह भूमि खत्म हो रही है और पशुपालन पर संकट खड़ा हो गया है।
धरना स्थल पर महिलाएं, बुजुर्ग और युवाओं की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। सभी ने एक स्वर में मांग की कि प्रशासन तत्काल प्रभाव से अवैध कब्जों को हटवाए और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करे।
ग्रामीणों ने दी चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि जमीन पर ठोस कार्रवाई चाहते हैं।
इस बीच प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और ग्रामीणों को आश्वासन दे रहे हैं कि शीघ्र ही अतिक्रमण हटाया जाएगा। हालांकि, ग्रामीण तब तक धरना समाप्त करने को तैयार नहीं हैं जब तक उन्हें लिखित में कार्रवाई का आश्वासन नहीं मिलता।
गोचर भूमि पर हो रहा यह संघर्ष ना केवल जमीन की लड़ाई है, बल्कि यह ग्रामीण संस्कृति, पशुपालन और अधिकारों की रक्षा का भी प्रतीक बन चुका है। अब देखना होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की आवाज कब तक सुनेगा और क्या कोई ठोस कदम उठाएगा या यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।
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