Lucknow Western ज़ोन की क्राइम मीटिंग में दिखा अनुशासन और सेवा का संकल्प
(डिजिटल मीडिया संपादक बलराम वर्मा)
लखनऊ शहर की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन लगातार सक्रिय प्रयास कर रहा है। इसी सिलसिले में पश्चिमी ज़ोन के डीसीपी कार्यालय में एक महत्वपूर्ण क्राइम मीटिंग आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता डीसीपी पश्चिमी ने की, जिसमें एडीसीपी पश्चिमी, समस्त एसीपी और सभी थाना प्रभारी (SHO) मौजूद रहे।
इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्देश्य पुलिस कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और जनहितोन्मुख बनाना था, ताकि आम जनता को सुरक्षित और भरोसेमंद वातावरण मिल सके। बैठक के दौरान चार प्रमुख बिंदुओं पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया, जिनका सीधा संबंध कानून व्यवस्था की मजबूती और आमजन की अपेक्षाओं से है।
- लंबित विवेचनाओं का त्वरित निस्तारण
- प्रभावी रात्रि गश्त की व्यवस्था
- महिला अपराधों पर शीघ्र और कठोर कार्रवाई
महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
मीटिंग में डीसीपी पश्चिमी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि "महिलाओं की सुरक्षा पुलिस प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।" उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया कि महिला अपराधों को किसी भी सूरत में नजरअंदाज न किया जाए।
प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क की सक्रियता की समीक्षा की गई और 1090 महिला हेल्पलाइन, एंटी रोमियो स्क्वॉड सहित संबंधित सभी इकाइयों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए। किसी भी थाने में महिला संबंधित FIR लंबित न रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए सीनियर अधिकारियों को नियमित निरीक्षण करने का निर्देश भी दिया गया।
लंबित विवेचनाओं और IGRS शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण
डीसीपी पश्चिमी ने बताया कि पुलिस के कार्य पर जनता का भरोसा तभी मजबूत होता है जब उनकी शिकायतों पर त्वरित और न्यायसंगत कार्रवाई की जाए। उन्होंने थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि लंबित विवेचनाओं को प्राथमिकता देते हुए जल्द निस्तारित किया जाए।
IGRS (Integrated Grievance Redressal System) पर आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लेने और उनके समयबद्ध समाधान को अनिवार्य बताया गया। एसीपी रैंक के अधिकारियों को यह ज़िम्मेदारी दी गई कि वे साप्ताहिक आधार पर शिकायतों की समीक्षा करें और उस पर थानों की प्रगति रिपोर्ट डीसीपी कार्यालय को सौंपें।
रात्रि गश्त में तकनीकी और रणनीतिक सुदृढ़ता
शहर में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए रात्रि गश्त को और अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए। बैठक में यह कहा गया कि गश्त केवल औपचारिकता नहीं बल्कि अपराध-निवारण की नींव है।
पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश दिए गए कि वे निर्धारित रूट चार्ट के अनुसार नियमित गश्त सुनिश्चित करें। गश्त के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों और अत्यधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों पर विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया। इसके साथ ही, CCTV निगरानी को अधिक प्रभावी बनाने, बीट कांस्टेबल व्यवस्था को मजबूत करने तथा डायल 112 की रिस्पॉन्स टाइम में उल्लेखनीय सुधार लाने के लिए स्पष्ट और ठोस दिशा-निर्देश जारी किए गए।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मान
बैठक का एक विशेष आकर्षण रहा उन पुलिसकर्मियों का सम्मान, जिन्होंने बीते समय में उल्लेखनीय और सराहनीय कार्य किए। चाहे किसी महिला को त्वरित न्याय दिलाना रहा हो या वाहन चोरी/चोरी/लूट जैसे अपराधों का सफल अनावरण, इन सभी उपलब्धियों के लिए पुलिसकर्मियों को प्रशंसा-पत्र प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
डीसीपी पश्चिमी ने इस मौके पर कहा, "पुलिस की वर्दी सिर्फ अधिकार का प्रतीक नहीं है, यह सेवा, संवेदना और साहस की ज़िम्मेदारी है।" उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे सम्मान बाकी अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं।
जनसहयोग और डिजिटल पुलिसिंग पर भी रहा फोकस
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि आधुनिक पुलिसिंग का आधार केवल संसाधन नहीं, बल्कि जनसहयोग और तकनीक का सही उपयोग है। पुलिस अधिकारियों को सलाह दी गई कि वे सोशल मीडिया, सरकारी मोबाइल ऐप्स और सूचना पोर्टलों के माध्यम से आमजन से बेहतर संवाद स्थापित करें।
जनता से निकटता बढ़ाने हेतु मोहल्ला मीटिंग, थाना दिवस, और बीट कांस्टेबल की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने पर विचार विमर्श हुआ। इससे न केवल अपराधों पर लगाम लगेगी, बल्कि जनता का विश्वास भी मजबूत होगा।
एक मिशन के रूप में पुलिसिंग
इस क्राइम मीटिंग ने स्पष्ट किया कि पुलिसिंग अब केवल कानून व्यवस्था संभालने तक सीमित नहीं, बल्कि एक सामाजिक मिशन बन चुकी है।
लखनऊ पश्चिमी ज़ोन के अधिकारियों ने यह दर्शाया कि पारदर्शिता, संवेदनशीलता और सेवा भाव से ही प्रशासन की छवि जनमानस में उज्ज्वल होती है।
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