DM ने किया खुयलन वेटलैंड संरक्षण एवं इको पर्यटन स्थल का निरीक्षण, विकास कार्यों की गुणवत्ता पर दिया विशेष जोर
रिपोर्ट: सुनील त्रिपाठी, प्रतापगढ़
प्रतापगढ़: जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देने और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के उद्देश्य से जिलाधिकारी शिव सहाय ने आज विकासखंड मांधाता की ग्राम पंचायत नेवाड़ी स्थित सकरनी नदी के उद्गम स्थल ‘खुयलन वेटलैंड संरक्षण एवं इको पर्यटन स्थल’ का निरीक्षण किया। यह स्थल मनरेगा एवं कन्वर्जेंस योजनाओं के तहत विकसित किया जा रहा है।
निरीक्षण की शुरुआत जिलाधिकारी द्वारा पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने से हुई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि क्षेत्र में किए जा रहे समस्त कार्य पर्यावरणीय संतुलन एवं पर्यटन की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए किए जाएं।
उन्होंने वेटलैंड क्षेत्र के चारों ओर झील के बांधों पर वृक्षारोपण कराने के निर्देश वन विभाग को दिए, साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि वृक्षारोपण का कार्य विभागीय लक्ष्य के अनुरूप समयबद्ध तरीके से पूर्ण हो।
जिलाधिकारी ने झील की सटीक पैमाइश कराकर अतिक्रमण की स्थिति में आवश्यक कार्यवाही कर क्षेत्र को अतिक्रमणमुक्त कराए जाने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने डीसी मनरेगा को निर्देशित किया कि कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न लाइन डिपार्टमेंट्स के समन्वय से कार्य कराए जाएं, जिससे विकास कार्यों में पारदर्शिता और मजबूती बनी रहे।
निरीक्षण के दौरान सकरनी नदी पर निर्माणाधीन रपटा पुल का भी जायजा लिया गया। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को पुल निर्माण में उच्च गुणवत्ता मानकों के पालन की सख्त हिदायत दी, ताकि क्षेत्रवासियों को सुरक्षित और सुगम आवागमन की सुविधा मिल सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी दिव्या मिश्रा, परियोजना निदेशक डीआरडीए दयाराम यादव, उपायुक्त श्रम रोजगार, अधिशासी अभियंता सिंचाई, प्रभागीय वनाधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, डीपीआरओ समेत अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी का यह दौरा न केवल क्षेत्र में विकास कार्यों की समीक्षा का प्रतीक रहा, बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण, पर्यटन को बढ़ावा देने और जन कल्याण की दिशा में एक सराहनीय कदम भी साबित हुआ।
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