धन धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 404वें प्रकाश पर्व पर प्रयागराज गूंज उठा वाहेगुरु-वाहेगुरु के जयघोष से
(ब्यूरो चीफ अभय कुमार सिंह )
प्रयागराज: तपोभूमि प्रयागराज में स्थित तप स्थान गुरुद्वारा पक्की संगत में धन धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब महाराज जी का 404वां पावन प्रकाश पर्व अत्यंत श्रद्धा, आस्था एवं विश्वास के साथ हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया।
पावन पर्व की शुरुआत भोर बेला में दिव्य-भव्य प्रभात फेरी से हुई, जो गुरुद्वारा पक्की संगत से आरंभ होकर चौधरी गार्डन मार्ग, डॉ. पाण्डेय चौराहा, टैगोर पब्लिक स्कूल चौराहा, कल्याणी देवी मंदिर मार्ग होते हुए पुनः गुरुद्वारे तक पहुँची।
प्रभात फेरी में संगत "वाहेगुरु-वाहेगुरु", "जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल" के गगनभेदी जयघोष करते हुए आगे बढ़ रही थी। चारों ओर भक्ति रस में सराबोर वातावरण, श्रद्धालुओं द्वारा गाए जा रहे शबद-कीर्तन और गुरबाणी के मधुर स्वरों से समस्त प्रयागराज शहर गूंज उठा।
प्रभात फेरी के मार्ग में श्रद्धालुओं पर घरों की छतों से फूलों की वर्षा की गई और संगत को नमन कर आशीर्वाद लिया गया। समापन उपरांत चाय और नाश्ते का अटूट लंगर बड़े ही प्रेमभाव से वितरित किया गया।
संध्या काल से खुले दीवान हॉल में कीर्तन, गुरबाणी विचार, और कथा-प्रवचन का भावपूर्ण समागम हुआ, जिसमें पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्थों, संतों और महापुरुषों ने अपनी वाणी से संगत को मंत्रमुग्ध किया। अरदास और हुक्मनामा के पश्चात गुरु का अटूट लंगर वितरित किया गया।
इस शुभ अवसर पर मंहत ज्ञान सिंह, मंहत देवेंद्र सिंह, जसविंदर सिंह शास्त्री, नमनजोत सिंह रायल, रोमित सिंह, सरदार पतविंदर सिंह, गुरुबख्श सिंह, साहिब सिंह, सचकीरत सिंह, मनप्रीत सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुरुष, महिलाएं, बच्चे एवं कई सेवादार उपस्थित रहे।
गुरु तेग बहादुर जी की महान शहादत और ज्ञान को समर्पित यह पर्व, सभी के हृदय में नई ऊर्जा और आध्यात्मिक प्रेरणा का संचार कर गया।
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