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Wall on Gomti River: गोमती नदी पर बनी दीवार उठा रही सवाल

Wall on Gomti River

गोमती नदी पर बनी दीवार उठा रही सवाल: आखिर क्यों मौन हैं शासन-प्रशासन के आला अधिकारी?

(लखनऊ ब्यूरो चीफ अभय कुमार सिंह) 

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद व बीकेटी तहसील में भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। सरकारी जमीन और गोमती नदी के किनारे की भूमि पर खुलेआम कब्जा कर भारी भरकम दीवारें खड़ी कर दी गई हैं। मगर हैरानी की बात यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।

सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, और जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे बैठे हैं। आखिर क्यों नहीं गिर रहा बुलडोज़र उन दीवारों पर, जो नदी और तालाबों की जमीन को निगल रही हैं?

कौन हैं इस अतिक्रमण के पीछे?

इन सबके पीछे संतोष श्रीवास्तव, सतीश श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव और मदन लाल के नाम सामने आ रहे हैं । आरोप है कि इन लोगों ने वाटर पार्क के आगे गोमती नदी में अवैध निर्माण कर दीवार खड़ी कर दी है। लेकिन मलिहाबाद तहसील के अधिकारी इन भू-माफियाओं के आगे क्यों नतमस्तक हैं?

किसानों का आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी

स्थानीय किसान पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि सरकार उनकी जमीन को माफियाओं से मुक्त कराए और दोषियों पर कार्रवाई हो। पर अब तक न तो किसी पर कोई ठोस कार्यवाही हुई और न ही कोई सुनवाई।

दीपक शुक्ला उर्फ तिरंगा महाराज ने उठाई आवाज

जनता की आवाज बन चुके दीपक शुक्ला उर्फ तिरंगा महाराज स्वयं गोमती नदी पर पहुंचे और वहां से एक वीडियो जारी कर इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, एसीपी, और डीजीपी तक से गुहार लगाई है कि वे इस मुद्दे पर संज्ञान लें और किसानों को न्याय दिलाएं।

तिरंगा महाराज ने आंदोलन का ऐलान करते हुए कहा,

जब तक गोमती और गंगा को माफियाओं से मुक्त नहीं कराया जाएगा, जब तक गरीबों की जमीन लौटाई नहीं जाएगी, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

अब सवाल उठता है –

क्या किसानों को मिलेगा न्याय?

क्या सरकार के बुलडोज़र का रुख इस अवैध कब्जे की ओर होगा?

या फिर माफिया और भ्रष्टाचार का यह गठजोड़ यूं ही जनता की जमीन निगलता रहेगा?

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