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आपातकाल की 50वीं बरसी पर मॉक पार्लियामेंट का आयोजन, Women Empowerment और लोकतंत्र रक्षा का दिया गया संदेश

Emergency 50th Anniversary Mock Parliament

आपातकाल की 50वीं बरसी पर मॉक पार्लियामेंट का आयोजन, Women Empowerment और लोकतंत्र रक्षा का दिया गया संदेश

(न्यूज़ संचालक बलराम सिंह)

नई दिल्ली।

आपातकाल की 50वीं बरसी के अवसर पर दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा द्वारा महाराष्ट्र सदन में एक विशेष मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य 1975 के आपातकाल के उस काले अध्याय की याद दिलाना था, जब देश को संविधानिक मूल्यों से हटाकर एक परिवार की सत्ता बचाने के लिए लोकतंत्र को कुचल दिया गया था।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि किस तरह तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आपातकाल लगाकर पूरे देश को एक खुली जेल में तब्दील कर दिया था। हजारों देशभक्तों और पत्रकारों को बिना मुकदमे के जेलों में ठूंस दिया गया। 

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, न्याय और संविधान की आत्मा का गला घोंटकर सत्ता का दुरुपयोग किया गया। वक्ताओं ने कहा कि आज जब कुछ लोग संविधान की दुहाई देते हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि संविधान की सबसे बड़ी हत्या कांग्रेस की तानाशाही शासन में हुई थी।

इस प्रेरक कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी उपस्थित रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की नारीशक्ति, राष्ट्रशक्ति में बदल रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने महिलाओं के लिए आवास, शौचालय, रसोई गैस कनेक्शन, स्वच्छ जल जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की हैं। 

मुस्लिम बहनों को तीन तलाक जैसी कुप्रथा से मुक्ति दिलाकर न्याय दिलाया गया है, और महिलाओं को 33% आरक्षण देकर लोकतंत्र में उनकी भागीदारी को सशक्त बनाया गया है।

दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती ऋचा पांडेय ने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाएं केवल जागरूक ही नहीं, बल्कि जिम्मेदार और निर्णायक भी बनें। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें और समाज में नेतृत्व करें।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। अनेक प्रबुद्ध महिलाओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए और लोकतंत्र की रक्षा व नारी उत्थान के लिए प्रतिबद्धता जताई। मॉक पार्लियामेंट में महिलाओं ने विभिन्न विषयों पर प्रभावशाली प्रस्तुतियां दीं, जो न केवल वर्तमान शासन की उपलब्धियों पर रोशनी डालती हैं, बल्कि भविष्य की दिशा भी तय करती हैं।

यह आयोजन महिला जागरूकता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक सशक्त मंच सिद्ध हुआ, जिसमें नारी शक्ति की आवाज़ बुलंद हुई और इतिहास से सीख लेकर एक मजबूत भारत के निर्माण का संकल्प लिया गया।

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