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देवघर में निकली भव्य Jagannath Rath Yatra, उमड़ा आस्था का सैलाब |
देवघर में निकली भव्य Jagannath Rath Yatra, उमड़ा आस्था का सैलाब
(ब्यूरो चीफ सुनील कुमार त्रिपाठी)
झारखंड, देवघर: आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को देवघर में भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक और भव्य रथ यात्रा निकाली गई। इस्कॉन, देवघर के नेतृत्व में आयोजित इस धार्मिक उत्सव में परंपरा, आस्था और आधुनिक तकनीक का अनूठा मेल देखने को मिला। हजारों श्रद्धालुओं ने इस यात्रा में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया, जिसने पूरे शहर को भक्ति के रंग में रंग दिया।
यात्रा का भव्य स्वरूप
रथ यात्रा शिवलोक परिसर से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरती हुई दामोदरग्राम स्थित इस्कॉन मंदिर पहुंची। इस दौरान सड़कों पर भक्ति और उमंग का माहौल रहा। भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ सुसज्जित रथ पर विराजमान थे। उनके दर्शन के लिए सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
तकनीक और परंपरा का संगम
इस बार की रथ यात्रा में आधुनिक तकनीक का उपयोग खास आकर्षण रहा। रथ को पहली बार हाइड्रोलिक गुंबद से सजाया गया, जिसकी ऊंचाई को आवश्यकतानुसार समायोजित किया जा सकता था। लकड़ी से बने इस रथ पर बारीक और सुंदर नक्काशी की गई थी, जिसने सभी का ध्यान खींचा। भगवान के स्वरूप और रथ की शोभा देखकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।
भक्ति में लीन श्रद्धालु
यात्रा के दौरान भक्तों ने परंपरागत रूप से रथ के आगे झाड़ू लगाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त की। 'जय जगन्नाथ' के जयघोष के साथ भक्त भजन, कीर्तन और नृत्य में डूबे रहे। सड़कों पर भक्ति का ऐसा सैलाब उमड़ा कि पूरा शहर भगवान के नाम में रम गया।
सामूहिक सहयोग से सफल आयोजन
इस रथ यात्रा को सफल बनाने में इस्कॉन देवघर की टीम, स्थानीय प्रशासन और नगरवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जगह-जगह भंडारे, जल वितरण केंद्र और स्वागत द्वार बनाए गए, जहां श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत किया गया। न केवल देवघर, बल्कि आसपास के जिलों और अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में भक्त इस आयोजन में शामिल हुए।
देवघर की यह रथ यात्रा परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम बनकर उभरी। इस आयोजन ने न केवल शहर की धार्मिक पहचान को और मजबूत किया, बल्कि यह भी दिखाया कि जब भक्ति के साथ तकनीक का समन्वय होता है, तो आस्था के नए रंग उभरते हैं। यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव बन गई।
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