111 श्रद्धालुओं के साथ Gumrah ,Unnao से निकली भव्य कांवड़ यात्रा
(रिपोर्ट- ब्यूरो चीफ नरेंद्र कुमार)
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद के अंतर्गत ग्राम गोबरा, पोस्ट औरास से आज एक ऐतिहासिक और श्रद्धा से ओतप्रोत कांवड़ यात्रा का शुभारंभ हुआ। इस धार्मिक यात्रा में 90 से लेकर 111 के बीच शिवभक्तों ने भाग लिया, जिनकी विदाई गांववासियों ने अत्यंत भव्य और सम्मानजनक रूप से की। यात्रा का मुख्य उद्देश्य था पवित्र गंगा जल को लेकर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करना, जो सनातन परंपरा में अत्यंत पूजनीय माना जाता है।
गांव की मिट्टी से उठी श्रद्धा की लहर
ग्राम गोबरा की यह यात्रा मात्र एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था, एकता और सामाजिक सहयोग का प्रतीक बन गई। यात्रा में शामिल शिवभक्तों की टोली में युवाओं के साथ बुजुर्गों और बच्चों का उत्साह भी देखने योग्य था। पूरे गांव में आज का दिन जैसे एक त्योहार के रूप में मनाया गया। सुबह से ही महिलाएं मंगल गीत गा रही थीं और बच्चों की टोलियां बोल बम, हर हर महादेव के जयघोष के साथ कांवड़ यात्रियों का हौंसला बढ़ा रही थीं।
भव्य विदाई समारोह
यात्रा के प्रस्थान से पहले गांव के प्राचीन शिव मंदिर में पूजा-अर्चना और सामूहिक आरती का आयोजन किया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने फूलों की वर्षा कर और तिलक लगाकर कांवड़ियों को विदा किया। इस दौरान गांव के प्रतिष्ठित लोगों सहित महिला मंडल, नवयुवक संगठन और स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया।
गांव के बुजुर्ग हरिकिशन तिवारी ने कहा कि यह यात्रा हमारी संस्कृति की आत्मा है। जब युवा पीढ़ी इसमें जुड़ती है तो हमारे संस्कार सुरक्षित रहते हैं।
शांति, अनुशासन और सेवा भाव की मिसाल
यात्रा को पूरी तरह सुव्यवस्थित और सुरक्षित रखने के लिए गांव के युवाओं की एक सेवा टोली भी बनाई गई है जो पूरे मार्ग में यात्रियों की सुविधा, जलपान और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था देखेगी। साथ ही, यात्रा में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालुओं को यात्रा से पूर्व दिशा-निर्देश दिए गए ताकि शांति, अनुशासन और स्वच्छता का पूरा पालन हो।
कांवड़ यात्रा: आस्था और संयम का प्रतीक
कांवड़ यात्रा शिवभक्तों के लिए एक तपस्या के समान होती है। इसमें कई किलोमीटर की पैदल यात्रा, कंधों पर गंगा जल, और दिन-रात का कठिन संघर्ष यह सब भगवान शिव के प्रति अनन्य श्रद्धा को दर्शाता है। ग्राम गोबरा की यह यात्रा हर साल निकलती है, लेकिन इस वर्ष की भीड़ और भव्यता पहले से कहीं अधिक रही।
युवक रामप्रसाद यादव ने कहा कि हर साल हम अपने गांव से कांवड़ लेकर जाते हैं, लेकिन इस बार गांव के लोगों का जो समर्थन और उत्साह देखने को मिला, उसने हमारे जोश को कई गुना बढ़ा दिया। यह केवल यात्रा नहीं, यह जीवन का अनुभव है।
प्रशासन की भूमिका और सुरक्षा प्रबंध
स्थानीय प्रशासन को इस यात्रा की जानकारी पहले ही दे दी गई थी, जिसके चलते औरास थाना क्षेत्र की पुलिस द्वारा सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम किए गए हैं। सभी कांवड़ियों को यात्रा की अवधि में प्राथमिक उपचार किट, टॉर्च, और खाने-पीने की सामग्री दी गई है।
महादेव का आशीर्वाद सब पर बना रहे
गांव के प्रधान और कई स्थानीय नेताओं ने भी यात्रियों को शुभकामनाएं दीं और उनके सकुशल लौटने की प्रार्थना की। यात्रा के समापन पर सभी शिवभक्त भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करेंगे और पुनः गांव लौटकर "कांवड़ व्रत" की पूर्णता की खुशी मनाएंगे।
हर हर महादेव के जयघोषों से गूंजते वातावरण में ग्राम गोबरा की यह यात्रा न केवल एक धार्मिक कड़ी है, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन भी है जो गांव को एकजुट करता है, संस्कृति को जीवंत रखता है और आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा दिखाता है।
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