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A Noble Contribution in Serving Devotees: बागपत में हरिओम बली ने कावड़ शिविर में की भव्य भोजन व्यवस्था

Hariom Bali Kanwar Camp Food Service

A Noble Contribution in Serving Devotees: बागपत में हरिओम बली ने कावड़ शिविर में की भव्य भोजन व्यवस्था

(ब्यूरो चीफ: सुनील कुमार त्रिपाठी )

बागपत, उत्तर प्रदेश। 

भगवान शिव के पवित्र माह सावन में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है। इस दौरान लाखों शिव भक्त पवित्र गंगा जल लेकर अपने-अपने गंतव्यों की ओर बढ़ते हैं। इस पुण्य कार्य में समाजसेवी और विभिन्न संगठन भोले-भाले कांवड़ियों की सेवा के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। 

शनिवार, 19 जुलाई 2025 को बागपत जिले के स्वतंत्र नगर नरेला स्थित लधवाड़ी मोड़ पर शिव शंकर कांवड़ सेवा समिति द्वारा आयोजित कांवड़ शिविर में प्रसिद्ध समाजसेवी हरिओम बली की ओर से भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कांवड़िए और श्रद्धालु पहुंचे और प्रसाद स्वरूप भोजन ग्रहण किया। लोगों ने हरिओम बली के इस सेवा भाव की खुलकर प्रशंसा की।

भोले-भाले कांवड़ियों की सेवा में हरिओम बली का योगदान

हरिओम बली, जो बागपत क्षेत्र में अपनी समाजसेवा के लिए विख्यात हैं, ने इस कावड़ शिविर में अपनी ओर से भोजन व्यवस्था का जिम्मा उठाया। उनके नेतृत्व में कांवड़ियों के लिए एक शानदार भोजन मेन्यू तैयार किया गया, जिसमें स्वाद और पौष्टिकता का विशेष ध्यान रखा गया। 

इस भोजन व्यवस्था में मटर पनीर, जीरा आलू, रायता, पूड़ी, तंदूरी नान, सादी रोटी, आलू-टमाटर की सब्जी, चावल, सलाद जैसी स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन शामिल थे। इसके अतिरिक्त, नाश्ते के रूप में बर्फी, मठरी, चाय और केले की व्यवस्था भी की गई थी। यह भोजन न केवल कांवड़ियों की भूख मिटाने में सहायक रहा, बल्कि उनकी यात्रा में नई ऊर्जा और उत्साह भी प्रदान किया।

हरिओम बली ने बताया कि उनका उद्देश्य कांवड़ियों की सेवा करना और भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करना है। उन्होंने कहा, "सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति का प्रतीक है। कांवड़ यात्रा में आने वाले भक्तों की सेवा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। हमारा प्रयास है कि कोई भी कांवड़िया भूखा न रहे और सभी को स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो।" उनकी यह भावना और समर्पण उपस्थित सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक रही।

शिव शंकर कावड़ सेवा समिति: भक्ति और सेवा का संगम

शिव शंकर कावड़ सेवा समिति, बाकनेर, स्वतंत्र नगर नरेला, लधवाड़ी मोड़ पर आयोजित इस कावड़ शिविर का संचालन लंबे समय से कांवड़ियों की सेवा के लिए जाना जाता है। यह समिति हर वर्ष सावन मास में कांवड़ियों के लिए भोजन, विश्राम और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करती है।

समिति के सदस्यों ने हरिओम बली के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि उनके सहयोग से शिविर की व्यवस्था और भी सुदृढ़ हुई है। समिति के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सामाजिक एकजुटता का अनुपम उदाहरण

इस कावड़ शिविर में हरिओम बली के साथ-साथ कई अन्य समाजसेवी और स्थानीय लोग भी शामिल हुए। इस अवसर पर मंजू, आशीष, पायल, नेहा, सुलभ, रोहित, सुशील बली, अर्जुन प्रधान निवाड़ा, कपिल शर्मा, अरविंद त्यागी ठेकेदार नेथला, महेंद्र सिंह, कृष्ण पुत्र राममेहर, प्रियदेव, राजीव खत्री, संदीप खत्री, इंटरनेशनल अवार्डी और महामहिम राष्ट्रपति व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन, जगपाल महाराज, रमेश कुमार, नरेंद्र कुमार मुरथल, निखिल खत्री, प्रमोद सहित सैकड़ों भोले और श्रद्धालु उपस्थित थे। 

इन सभी ने मिलकर इस आयोजन को एक उत्सव का रूप दिया। इस शिविर में उपस्थित लोगों ने न केवल भोजन का आनंद लिया, बल्कि भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर भजनों और कीर्तनों में भी हिस्सा लिया। यह आयोजन सामाजिक एकजुटता और भक्ति का एक अनुपम उदाहरण बन गया। उपस्थित लोगों ने हरिओम बली और उनकी पूरी टीम को इस पुण्य कार्य के लिए धन्यवाद दिया।

कांवड़ यात्रा का महत्व और समाजसेवा की भूमिका

सावन मास में कांवड़ यात्रा उत्तर भारत में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में बहुत लोकप्रिय है। लाखों शिव भक्त इस दौरान हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख और अन्य पवित्र स्थानों से गंगा जल लेकर अपने स्थानीय शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए पैदल यात्रा करते हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक एकता और परस्पर सहयोग का भी प्रतीक है।

कांवड़ यात्रा के दौरान जगह-जगह शिविरों का आयोजन किया जाता है, जहां भक्तों के लिए भोजन, पानी, विश्राम और चिकित्सा जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इन शिविरों में समाजसेवी और संगठन अपनी ओर से योगदान देते हैं, जिससे कांवड़ियों को अपनी यात्रा पूरी करने में सहायता मिलती है। हरिओम बली जैसे समाजसेवियों का योगदान इस यात्रा को और भी सुगम और स्मरणीय बनाता है।

समाजसेवा की प्रेरणा

हरिओम बली का यह प्रयास न केवल कांवड़ियों के लिए भोजन की व्यवस्था तक सीमित था, बल्कि यह समाजसेवा की एक मिसाल भी बन गया। उनकी इस पहल ने अन्य लोगों को भी प्रेरित किया कि वे अपने स्तर पर समाज के लिए कुछ करें। इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन ने कहा, "हरिओम बली का यह कार्य न केवल कांवड़ियों की सेवा है, बल्कि यह सामाजिक एकता और मानवता का संदेश भी देता है। ऐसे प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।"

भविष्य की योजनाएं

हरिओम बली ने भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों को और बड़े स्तर पर आयोजित करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि अगले वर्ष और अधिक कांवड़ियों तक भोजन और अन्य सुविधाएं पहुंचाई जाएं। इसके लिए वे स्थानीय समुदाय और संगठनों के साथ मिलकर काम करेंगे। उनकी यह प्रतिबद्धता समाजसेवा के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

निष्कर्ष

बागपत के लधवाड़ी मोड़ पर शिव शंकर कावड़ सेवा समिति द्वारा आयोजित कावड़ शिविर में हरिओम बली की भोजन व्यवस्था ने कांवड़ियों के बीच खुशी और उत्साह का माहौल बनाया।

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