Mavai Kala के महादेव मंदिर में आध्यात्म की ज्योति जगा रहे हैं Mahant Bal Gopal Das Maharaj
(डिजिटल संपादक बलराम वर्मा)
लखनऊ (बक्शी का तालाब)
श्रावण मास के पावन अवसर पर जहां शिवभक्त भक्ति की सरिता में डूबे हुए हैं, वहीं बक्शी का तालाब क्षेत्र के मवई कला गांव स्थित प्राचीन महादेव मंदिर में अध्यात्म और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। इस मंदिर के मुख्य महंत बाल गोपाल दास महाराज न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं, बल्कि प्रख्यात कथा वाचक के रूप में समस्त उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध हैं।
महंत बाल गोपाल दास महाराज विगत कई वर्षों से धर्म प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। उनके मुख से निकली श्रीराम कथा, भागवत कथा एवं शिव पुराण की गूढ़ व्याख्याएं न सिर्फ लोगों को भक्ति से जोड़ती हैं, बल्कि सामाजिक मूल्यों को भी मज़बूती प्रदान करती हैं। उनकी कथाएं लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, रायबरेली, हरदोई जैसे जिलों में बार-बार आमंत्रित की जाती हैं,
मंदिर बना भक्ति और सेवा का केंद्र
मवई कला स्थित महादेव मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि यह सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन चुका है। महंत जी के नेतृत्व में यहां समय-समय पर भंडारे, रक्तदान शिविर, पुस्तक वितरण, और गरीब कन्याओं के विवाह जैसे कार्य भी कराए जाते हैं।
श्रावण मास के इस विशेष महीने में मंदिर में विशेष रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, और सावन सोमवारी पूजा का आयोजन हो रहा है, जिसमें दूर-दराज़ से भक्त शामिल होकर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। महंत बाल गोपाल दास महाराज स्वयं इन आयोजनों में उपस्थित रहकर श्रद्धालुओं को धर्म, संयम और सेवा का मार्ग दिखा रहे हैं।
कथा केवल शब्द नहीं, आत्मा का आह्वान है - महंत बाल गोपाल दास महाराज
महाराज जी का मानना है कि धार्मिक कथाएं केवल मनोरंजन नहीं होतीं, बल्कि वे व्यक्ति के अंतर्मन को जागृत करती हैं और उसके जीवन में दिशा एवं संतुलन प्रदान करती हैं। उन्होंने युवाओं को विशेष रूप से धर्म से जोड़ने के लिए डिजिटल माध्यम से भी कथा प्रसारण प्रारंभ किया है।
महंत बाल गोपाल दास महाराज का जीवन केवल भक्ति नहीं, बल्कि सेवा, समाज और संस्कृति का संगम है। मवई कला स्थित यह मंदिर आने वाले समय में न केवल लखनऊ, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक आध्यात्मिक धरोहर बन सकता है।
स्थान: प्राचीन महादेव मंदिर, मवई कला, बक्शी का तालाब, लखनऊ
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