Operation Kaalnemi: 48 घंटे में 50 से अधिक फर्जी बाबाओं पर पुलिस का शिकंजा, CM Dhami का बड़ा संदेश
देहरादून, उत्तराखण्ड - वक्त का मुद्दा न्यूज़
उत्तराखण्ड की देवभूमि में पाखंड, ढोंग और आस्था के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू हुआ है। ‘ऑपरेशन कालनेमि’ नामक इस विशेष कार्रवाई के तहत पुलिस ने महज 48 घंटों के भीतर 50 से अधिक फर्जी बाबाओं, तांत्रिकों और ढोंगी साधुओं को हिरासत में लिया है। इस अभियान ने पूरे प्रदेश में एक मजबूत संदेश दिया है कि अब पाखंड और ढोंग को उत्तराखंड में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
क्या है ऑपरेशन कालनेमि
इस ऑपरेशन का नाम ‘कालनेमि’ उस पौराणिक राक्षस के नाम पर रखा गया है जो स्वयं को साधु का वेश देकर हनुमान जी को भ्रमित करने की कोशिश करता है। ठीक उसी तरह आज के समय में भी कुछ लोग भगवा वस्त्र पहनकर, आस्था और धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे थे। इन ढोंगियों ने न सिर्फ आम जनता से मोटी रकम वसूली, बल्कि कई मामलों में महिलाओं और बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार की भी शिकायतें सामने आई थीं।
पुलिस की रणनीति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पुलिस ने एक विशेष खुफिया टीम गठित की, जिसने धार्मिक स्थलों, छोटे आश्रमों और निजी "धार्मिक संस्थानों" पर निगरानी रखनी शुरू की। स्थानीय मुखबिरों और सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी जुटाकर अचानक छापेमारी की गई। 48 घंटे के भीतर पुलिस ने 50 से अधिक ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जो खुद को बाबा, तांत्रिक, भविष्यवक्ता या चमत्कारी बताकर लोगों को ठग रहे थे।
फर्जी बाबाओं की करतूतें
- जिन बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है, उन पर निम्नलिखित आरोप हैं:
- झाड़-फूंक के नाम पर महिलाओं से अश्लील हरकतें
- बच्चों को डराकर उनसे जबरन सेवा कराना
- बीमारी ठीक करने के नाम पर मोटी फीस लेना
- भविष्यवाणी के बहाने भय पैदा करना
- अशुद्ध तंत्र क्रियाएं करना
- सामाजिक विद्वेष फैलाना
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऑपरेशन की सफलता पर टीम को बधाई देते हुए कहा,
उत्तराखण्ड देवभूमि है। यह साधु-संतों की तपोभूमि रही है, लेकिन इस भूमि पर कोई भी व्यक्ति छद्म वेश धारण कर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ नहीं कर सकता। ऐसे लोगों के लिए अब उत्तराखण्ड में कोई जगह नहीं है।
सीएम धामी ने आगे कहा कि यह सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है कि उत्तराखण्ड अब ढोंगियों और पाखंडी तत्त्वों का गढ़ नहीं बनने दिया जाएगा।
जनता की प्रतिक्रिया
ऑपरेशन कालनेमि की खबर सामने आते ही आमजन में भारी संतोष देखा गया। लोगों ने सोशल मीडिया पर पुलिस और सरकार की इस पहल का समर्थन किया। कई धार्मिक संगठनों ने भी फर्जी बाबाओं की गिरफ्तारी को सही ठहराया और कहा कि इससे असली साधु-संतों की गरिमा भी बनी रहेगी।
आगे क्या
मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि यह एक निरंतर प्रक्रिया होगी। आने वाले समय में भी फर्जी बाबाओं की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या संस्था पर निगरानी रखें और तुरंत कार्रवाई करें।
निष्कर्ष
ऑपरेशन कालनेमि ने यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड सरकार अब सख्त कार्यप्रणाली और शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रही है। धर्म और आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वालों के लिए अब इस देवभूमि में कोई जगह नहीं। सीएम धामी का यह एक साहसिक कदम है जो आने वाले समय में पूरे देश के लिए मिसाल बन सकता है।
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