Shiv Kanwar Seva Samiti Baghpat: भव्य कांवड़ शिविर का शुभारंभ, भोले की भक्ति में डूबा बागपत
(ब्यूरो रिपोर्ट सुनील त्रिपाठी)
बागपत, 17 जुलाई 2025
श्रावण मास की पावन बेला में "हर-हर महादेव" की गूंज
श्रावण मास की पावन बेला में उत्तर भारत "हर-हर महादेव" की गूंज से सराबोर हो उठा है। इस शुभ अवसर पर बागपत जनपद में आस्था, सेवा और समर्पण का अनुपम संगम देखने को मिला। बागपत-बड़ौत हाईवे पर नैथला मोड़ के समीप शिव कांवड़ सेवा समिति बागपत द्वारा आयोजित भव्य कांवड़ शिविर का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार और हवन-पूजन के साथ हुआ। यह शिविर न केवल कांवड़ियों के लिए सुविधा का केंद्र बना है, बल्कि सामाजिक समरसता और पर्यावरण संरक्षण का भी प्रतीक बन गया है।
वैदिक विधि-विधान से शुभारंभ
शिविर का उद्घाटन पंडित सोमदत्त शास्त्री के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ। हवन कुंड में आहुति देते हुए श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ से कांवड़ यात्रियों की निर्विघ्न यात्रा और विश्व कल्याण की प्रार्थना की। यह दृश्य आस्था और व्यवस्था का अनोखा मेल प्रस्तुत कर रहा था, जहां भक्तों की भक्ति और समिति की सेवा भावना एक साथ झलक रही थी। हवन की पवित्र अग्नि और मंत्रों की गूंज ने वातावरण को और भी पवित्र बना दिया।
कांवड़ियों की सेवा में समर्पित समिति
शिव कांवड़ सेवा समिति बागपत के सदस्य तन, मन और धन से भोले के भक्तों की सेवा में जुटे हैं। समिति के सदस्य नरेश चौहान ने बताया कि शिविर में कांवड़ियों का आना शुरू हो चुका है और उनकी सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। समिति के अंशुधर भारद्वाज ने बताया कि शिविर में रहने, खाने, पेयजल, स्वच्छता, प्राथमिक चिकित्सा और विश्राम स्थल की समुचित व्यवस्था की गई है। कांवड़ियों की हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखा जा रहा है, ताकि उनकी यात्रा सुखद और निर्बाध रहे।
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता
शिविर में स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। विकास शर्मा ने बताया कि नियमित रूप से सफाई कर्मी शिविर परिसर की स्वच्छता सुनिश्चित कर रहे हैं। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति समिति की यह पहल न केवल कांवड़ियों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करती है,
सुविधाओं से युक्त शिविर का स्वरूप
शिविर में विशेष स्वागत द्वार, सुसज्जित प्रवेश मार्ग और पेयजल केंद्र बनाए गए हैं। शीतल जल की व्यवस्था, विश्राम स्थल और प्राथमिक चिकित्सा कक्ष कांवड़ियों की सुविधा में चार चांद लगा रहे हैं। समिति के सदस्य दिन-रात सेवा में तत्पर हैं, जिससे यह शिविर भक्ति और सेवा का अनुपम केंद्र बन गया है।
सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण
इस शिविर में बागपत और आसपास के क्षेत्रों के गणमान्य नागरिक, समाजसेवी, शिक्षक, पत्रकार और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए। राजू मास्टर शिकोहपुर, जितेंद्र मलिक बागपत, संदीप नैन बसी, राजेंद्र कुमार बागपत, संजय शर्मा सरूरपुर, गोपल ढिकौली, सुमित ढाका, नवीन ढाका, शिवम कुमार, विशाल दुढ़भा, प्रवीण दुढ़भा, निशांत बागपत, गेटवे इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य अमित चौहान, राजपूत विकास समिति के अध्यक्ष सुनील चौहान, नरेश सिसाना, मोहर सिंह, रामनरेश, और कल्लू जैन बड़ौत जैसे अनेक गणमान्य लोगों ने आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
विशेष सम्मानित व्यक्तित्वों ने बढ़ाई आयोजन की शोभा
इस अवसर पर भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन बागपत की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया। इसके अतिरिक्त वीरसेन फैजपुर निनाना, देवेंद्र सिंह, बाबा कंवरनाथ घिटोरा वाले, महेश कुमार, डॉ. वीरेंद्र और डॉ. बाबूखान जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति से इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। इन गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी ने शिविर को सामाजिक एकता और सहयोग का प्रतीक बना दिया।
आस्था और सेवा का अनुपम मेल
शिव कांवड़ सेवा समिति द्वारा आयोजित यह कांवड़ शिविर केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और सेवा भावना का जीवंत उदाहरण है। यह शिविर कांवड़ियों के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है, जहां हर सुविधा उनकी यात्रा को सहज और सुखद बनाने में सहायक है। समिति की यह पहल न केवल धार्मिक ऊर्जा का संचार करती है, बल्कि समाज में संवेदनशीलता, सहयोग और समर्पण की भावना को भी प्रबल करती है।
आयोजन का सामाजिक महत्व
यह शिविर बागपत जिले में एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में याद किया जाएगा। समिति का यह प्रयास दर्शाता है कि कैसे एक संगठन सामूहिक सहयोग और समर्पण के साथ धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों को एक साथ साकार कर सकता है। स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और कांवड़ियों की सेवा के प्रति समिति का समर्पण समाज के लिए एक प्रेरणा है।
निष्कर्ष
शिव कांवड़ सेवा समिति बागपत का यह कांवड़ शिविर भक्ति, सेवा और संगठन का उत्तम मेल है। यह आयोजन न केवल कांवड़ियों की यात्रा को सुगम बना रहा है, बल्कि सामाजिक एकता और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को भी रेखांकित कर रहा है। बागपत जिले में यह शिविर एक ऐतिहासिक आयोजन के रूप में अपनी छाप छोड़ रहा है, जो आने वाले समय में भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
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